योगी सरकार की लुटिया डुबो रहे बनी पावर हाउस के विद्युत अधिकारी-कर्मचारी, सप्लाई देने में असमर्थ अधिकारी व कर्मचारी
विद्युत अधिकारी व कर्मचारी प्रदेश सरकार के मंसूबों पर पानी फेर रहे हैं। रोस्टर जारी होने के बाद भी कस्बाई व ग्रामीण इलाकों को तय घंटे बिजली नहीं मिल पा रही है, जिससे विद्युत उपभोक्ताओं ने आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
बिजली सप्लाई देने में असमर्थ बनी पावर हाउस के अधिकारी और कर्मचारी, पूरी तरह चरमराई विद्युत व्यवस्था
पंकज सिंह चौहान
लखनऊ। राजधानी लखनऊ के सरोजनी नगर बनी पावर हाउस की ख़स्ता हाल व्यवस्था से जनता में काफी नाराजगी है, बनी पावर हाउस अंतरगत पहाड़पुर सहित आसपास पास के कई महत्वपूर्ण एरिया में बिजली का जाना आम बात हो गयी है, 1912 पर शिकायत दर्ज करवाने पर भी कोई कार्रवाई नही होती न ही कोई संतोषजनक जवाब मिलता है, 1912 पर पावर हाउस की कमी की कोई अपडेट नही मिलती यही बता कर शिकायत दर्ज कर काल समाप्त कर दी जाती है, पावर हाउस के कर्मचारियों और अधिकारियों को अगर काल की जाती है तो जल्दी काल रिसीव नही होती अगर हो भी गयी तो उनके द्वारा एक लम्बा समय बता कर काल समाप्त कर दी जाती हैं, विद्युत विभाग के इस रवैये से जनता में काफी आक्रोश है, दिनभर भाग दौड़ भरी जिंदगी से थक कर जब आम आदमी घर पहुँचता है तो आराम से पँखे कूलर की हवा में चैन से सोना चाहता है, लेकिन बिजली की चरमराई व्यवस्था के कारण सोना तो दूर की बात है चैन से जग भी नही पाता, विद्युत की बढ़ती दरों के बावजूद गरीब व्यक्ति जैसे तैसे बिजली का बिल जमा कर पाता है, बिजली बिल का भुगतान करने के बावजूद जनता को विद्युत सप्लाई सही से नही मिल पा रही है, बनी पावर हाउस वाले आदमी की हैसियत औकात के हिसाब से बिजली की टेम्परेरी व्यवस्था चालू करते है, और आम जनता को काम चालू हैं का लाली पॉप दे कर चुप करवा देते है, ऐसा लगता है ये विद्युत सप्लाई की व्यवस्था ये अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा फ़्री में जनता को दे रहे हैं, इस वर्ष भीषण गर्मी में 24 घण्टे बिजली सप्लाई देने में असमर्थ बनी पावर हाउस के अधिकारी और कर्मचारी।