उत्तर प्रदेश

मेहनत से पलट दी किस्मत, यूपी पीसीएस परीक्षा में लहराया परचम, घर पर रहकर की पढ़ाई, बनीं डिप्टी जेलर

किसान परिवार की बेटी रूची सिंह ने कड़ी मेहनत और लगन से यूपी पीसीएस परीक्षा में सफलता हासिल कर अपनी प्रतिभा को साबित कर दिखाया है। रूची सिंह का चयन डिप्टी जेलर पद पर हुआ है, होनहार बेटी ने 27वी रैंक हासिल की। बड़ी बात यह है कि रूची ने घर पर रहकर ही तैयारी की।

पंकज सिंह चौहान

उन्नाव। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की तरफ से आयोजित यूपी पीसीएस परीक्षा-2023 के अंतिम चयन परिणाम में कई होनहारों ने सफलता का परचम लहराया है। इनमें उन्नाव के सोहरामऊ थाना क्षेत्र के निधान खेड़ा गांव की रहने वाली रूची सिंह का नाम भी शामिल है। रूची का चयन डिप्टी जेलर के पद पर हुआ है। बेटी की इस कामयाबी से परिजन बेहद खुश हैं और लोग घर जाकर उन्हें बधाई दे रहे हैं।

किसान परिवार की बेटी रूची सिंह ने कड़ी मेहनत और लगन से तीसरे प्रयास में यूपी पीसीएस परीक्षा में सफलता हासिल कर अपनी प्रतिभा को साबित कर दिखाया है। इसके साथ ही उन्होंने अपने गाँव और समाज को गौरवान्वित किया है और क्षेत्र का मान भी बढ़ाया है। यूपी पीसीएस 2023 में डिप्टी जेलर के पद पर चयनित रूची सिंह शुरू से ही मेधावी छात्रा रही हैं। इन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई अवध कॉलेजिएट दरोग़ा खेड़ा से की है। इसके बाद लखनऊ से बीएससी की।

रूची सिंह ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने मातापिता, के अलावा पारिवारिक सदस्यों और अपने शिक्षकों को दिया है। अपनी इस सफलता पर रूची ने कहा है कि मुझे आज बहुत खुशी हो रही हैं कि मैंने अपने परिवार, समाज और गांव का नाम रोशन किया है। उन्होंने युवाओं से कहा है कि मैं चाहती हूं कि सभी युवा मेहनत से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करें, सफलता आपका इंतजार कर रही है।

रूची सिंह के पिता नीलेश सिंह एक किसान हैं। वो खेतीकिसानी के साथसाथ सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।नीलेश सिंह का कहना है कि बेटी रूची ने डिप्टी जेलर बनकर मेरा सर गर्व से ऊंचा कर दिया है, एक पिता के लिए इससे ज़्यादा खुशी क्या हो सकती है। वहीं रूची की मां गृहणी हैं। उनका कहना हैं कि मुझे विश्वास था, कि मेरी बेटी एक दिन अफसर जरूर बनेगी। मैं आज बहुत खुश हूं।

रूची सिंह के बड़े भाई रंजीत प्रताप सिंह IES अफ़सर है। वैसे तो रूची के अलावा उनके परिवार में सरकारी सेवाओं में अफसर बनने का सिलसिला बरकरार है। रूची सिंह के 22 वर्षीय छोटे भाई जयदीप प्रताप सिंह भी UPPCS परीक्षा में पहली बार में ही इंटरव्यू तक पहुँच गए थे लेकिन उनका सलेक्शन नहीं हो पाया, बेटी रूची की इस सफलता से परिवार और गांव में खुशी का माहौल है। उनके घर पररिश्तेदार, सगेसंबंधियों के अलावा आसपास के गांवों के लोग बधाई देने के लिए पहुंच रहे हैं। गांव वाले अपनी इस होनहार बेटी का सम्मान स्वागत कर रहे हैं, ताकि क्षेत्र के अन्य युवा भी उससे प्रेरणा ले सकें।

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