अपराध

अतीक के दफ्तर में मिला खून से सना दुपट्टा जगह-जगह पर पड़े खून के छींटे और चाकू 

माफिया अतीक अहमद मारा गया, लेकिन उसके अपराधों के खूनी सबूत अभी भी मौजूद हैं. प्रयागराज की पुलिस आज अतीक अहमद के दफ्तर पहुंची तो सीढ़ियों से छत तक खून के छीटें मिले. पुलिस को खून से सना चाकू मिला है. खून से सना दुपट्टा मिला है. पुलिस ने जो कुछ देखा वो सनसनीखेज और हैरान कर देने वाला था।

माफिया अतीक अहमद के दफ्तर में खून के धब्बे और एक चाकू मिला है. प्रयागराज के चकिया स्थित अतीक अहमद के दफ्तर में पहुंची पुलिस उस वक्त हैरान रह गई, जब जगह-जगह खून के धब्बे देखने को मिले. मौके पर एक चाकू भी पड़ा हुआ था. अभी साफ नहीं हो पाया है कि यह खून किसका है. सीढ़ियों और कपड़ों पर खून के धब्बे मिले हैं।

अतीक और उसका भाई अशरफ मारा गया, लेकिन उसके अपराधों के खूनी सबूत अभी भी मौजूद हैं. प्रयागराज की पुलिस आज अतीक अहमद के दफ्तर पहुंची तो सीढ़ियों से छत तक खून के छीटें मिले. पुलिस को खून से सना चाकू मिला है. खून से सना दुपट्टा मिला है. पुलिस ने जो कुछ देखा वो सनसनीखेज और हैरान कर देने वाला था. पुलिस जांच कर रही है।

अतीक के चकिया स्थित इस दफ्तर पर 2017 में प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने बुलडोजर चलाया था. इसके बाद से दफ्तर वीरान हो गया था, लेकिन यहीं से अतीक अपने गैंग को चला रहा था. उमेश पाल की हत्या के पास पुलिस ने इसी दफ्तर में छापेमारी करके 72 लाख रुपये कैश के साथ 10 असलहे, 112 कारतूस और छह मोबाइल बरामद किया था।

दरअसल, पुलिस ने उमेश पाल की रेकी करने वाले पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिसमें अतीक अहमद का मुंशी और ड्राइवर शामिल थे. इनकी ही निशानदेही पर पुलिस ने दफ्तर से लाखों रुपये और हथियारों का जखीरा बरामद किया था. अब आज पुलिस को यहां पर जगह-जगह खून के धब्बे और एक चाकू मिला था।

58 दिन बाद भी शाइस्ता फरार

वहीं उमेश पाल हत्याकांड के 58 दिन बाद एड़ी-चोटी का जोर लगाने के बाद भी अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन का अता-पता नहीं है. उसे धरती निगल गई या आसमान खा गया? कुछ नहीं मालूम…. यूपी पुलिस जानती है कि आंख मिचौली के इस खेल में शाइस्ता अकेली नहीं. उसके साथ उसके मददगार हैं. उसके सिर पर मददगारों के हाथ हैं.

अपने मददगारों के बूते ही शाइस्ता परवीन अब तक बचती चली जा रही है, लेकिन वो मदददार कौन हैं? यूपी पुलिस के लिए उन मददगारों तक पहुंचना अब सबसे जरूरी हो गया है. सवाल उठ रहा है कि क्या अतीक से जुडा कोई सफेदपोश नेता है, जो शाइस्ता की भी मदद कर रहा? एक बिल्डर पर भी पुलिस की नजर है, जो अतीक का मददगार रहा है?

शाइस्ता परवीन पता बदल रही है. पहचान बदल रही है. भेष बदल रही है. इस वक्त नकाब उसका सबसे बड़ा मददगार है, जिसकी आड़ में वो पुलिस की आंख में धूल झोंक रही है. मजेदार बात देखिए कि पुलिस को पहले अतीक के अपराध वाले नेटवर्क से सामना करना पड़ता था. अब उसे मददगारों के नेटवर्क से जूझना पड़ रहा है।

सूत्रों के मुताबिक, अब शाइस्ता पर इनाम बढ़ाने की भी तैयारी हो रही है. शाइस्ता पर इनाम 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार किया गया था. अब उस इनाम को बढ़ाकर एक लाख करने की तैयारी चल रही है।

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