लखनऊ

भारी वाहनों की वजह से बंथरा में लगता है भीषण जाम, 10 मिनट का सफर तय करने में लगता है एक घंटा

प्रतिबंधित कानपुर-लखनऊ हाईवे पर धड़ल्ले से दौड़ रहे भारी वाहन, 10 मिनट का सफर तय करने में लगता है एक घंटा

पंकज सिंह चौहान 

लखनऊ ब्यूरो (करण वाणी, न्यूज)। लखनऊ कानपुर एलिवेटेड रोड निर्माण के चलते कानपुर और उन्नाव से लखनऊ की तरफ आने वाले भारी वाहन प्रतिबंधित हैं। लेकिन यहां स्थिति बिल्कुल विपरीत है। प्रतिबंधित जोन में धड़ल्ले से भारी वाहनों का आना-जाना जारी है। अब सवाल उठता है कि क्या ट्रैफिक पुलिस इन वाहनों पर रोक नहीं लगा पा रही है, या फिर वाहन चालकों में ट्रैफिक पुलिस का कोई खौफ नहीं है। या फिर ट्रैफिक पुलिस की सह पर नो एंट्री में एंट्री का खेल चल रहा है। लखनऊ-कानपुर एलीवेटेड एक्सप्रेसवे निर्माण की वजह से चार जिलों से जाने वाले भारी वाहनों के लिए रूट बदला गया था, इन जिलों में कानपुर नगर के साथ कानपुर देहात, फतेहपुर और उन्नाव जनपद भी शामिल है, जिससे राहगीरों को जाम की समस्या से निजात मिल सके। जाम से निजात मिलना तो दूर की बात इस समय स्थिति यह है कि कानपुर लखनऊ हाईवे पर चल रहे निर्माण कार्य के चलते राहगीरों को भीषण जाम की समस्या से जूझना पड़ रहा है, हाईवे संकरा होने के कारण मार्ग पर रोजाना भारी वाहनों की लंबी कतार लग जाती है। बंथरा थाने से बंथरा बाज़ार की दूरी लगभग एक किलोमीटर है, ये एक किलोमीटर की दूरी तय करने में घंटों लग जाते हैं।

भारी वाहनों के प्रवेश की पड़ताल करण वाणी ने की तो हर रोज ऐसे वाहन लखनऊ कानपुर हाईवे पर दौड़ते हुए दिखाई दिए। बता दें कि ट्रैफिक व्यवस्था बनाए रखने व हादसों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से प्रशासन द्वारा लखनऊ/कानपुर रोड पर भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया था। इसके लिए बाकायदा कानपुर से लखनऊ तक हर चौक चौराहे व वैरियर पर भारी वाहनों की नो एंट्री के चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं तो वहीं पुलिस कर्मी भी तैनात किए हुए है। इसके बावजूद ऐसे वाहनों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध नहीं लग पा रहा है, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था बाधित हो रही है वहीं कानपुर/लखनऊ एलिवेटेड निर्माण स्थल पर किसी बड़े हादसे की भी आशंका बनी रहती है।

सूत्रों की में के लिए प्रति बैरियर ट्रैफिक पुलिस प्रति गाड़ी 500 रुपये सुविधा शुल्क वसूलती है, जिसने 500 रुपया दिए उसको नो एंट्री में एंट्री मिल जाती है। नाम न छापने की शर्त पर ट्रक मालिक बताते हैं कि नो एंट्री में आने के लिए प्रति वैरियर प्रतिगाड़ी 500 रूपए देने पड़ते हैं, उन्नाव से लखनऊ तक आने में एक गाड़ी पर 2500 रुपया खर्च होता है, जो ट्राफिक पुलिस नो एंट्री में एंट्री देने के लिए वसूलती है।

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