उत्तर प्रदेश

विश्वविद्यालय में उपलब्ध पांडुलिपियों को शोध छात्रों को उपलब्ध कराने की व्यवस्था करें: राज्यपाल

राज्यपाल ने सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के नैक मूल्यांकन हेतु प्रस्तुतिकरण की समीक्षा की

शिक्षक अपने विद्यार्थियों के साथ मेंटोर मेंटी सम्बन्धों को मजबूत बनाएं

लखनऊ। प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज यहाँ राजभवन में सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के नैक ग्रेडिंग हेतु तैयार प्रस्तुतिकरण की समीक्षा की। विश्वविद्यालय इससे पूर्व के अपने नैक मूल्यांकन मेंश्रेणी प्राप्तकर चुका है, जिसकी वैधता वर्ष 2019 में समाप्त हो चुकी है। राज्यपाल जी ने नैक के सभी सातों क्राइटेरिया पर बिन्दुवार कमेटी केसदस्यों से जानकारी ली। उन्होंने प्रस्तुतिकरण में व्यापक सुधार किए जाने के निर्देश दिए।

        बैठक में विश्वविद्यालय के पूर्व नैक मूल्यांकन के दौरान गुणवत्ता सुधार हेतु पियर टीम द्वारा दिए गए सुझावों के अनुपालन मेंसम्पूर्ण किए गए सुधारों का विश्लेषण भी किया गया। विविध विषयों पर टीम सदस्यों में तालमेल की कमी को दृष्टिगत करते हुएराज्यपाल ने प्रस्तुतिकरण को टीम भावना के साथ कार्य करके बेहतर बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा नैक के प्रत्येक क्राइटेरिया मेंअंतर्निहित बिन्दुओं पर बिन्दुवार तैयारी की जाये। प्रस्तुतिकरण में क्राइटेरिया-1 पर चर्चा करते हुए ट्रांसजेंडर्स हेतु विश्वविद्यालय में होनेवाले कार्यक्रमों और प्रमाण स्वरूप फोटोग्राफ को प्रस्तुतिकरण मे जोड़ने का सुझाव दिया गया। राज्यपाल जी ने क्राइटेरिया-2 कीप्रस्तुति को कमजोर बताते हुए पुनर्लेखन कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय स्तर पर सुधार करते हुए शिक्षक अपनेविद्यार्थियों के साथ मेंटोर मेंटी सम्बन्धों को मजबूत बनाएं और प्रति सप्ताह अपने विद्यार्थियों के साथ सामूहिक बैठक कर सामूहिक वार्ताकरें, उनकी समस्याओं, जिज्ञासाओं को जानकर समाधान भी करें। उन्होंने विश्वविद्यालय के आउटकम अंकन पर विशेष जोर दिया।क्राइटेरिया-3 में अनेक सुधारों की चर्चा के मध्य उन्होंने विश्वविद्यालय में उपलब्ध पांडुलिपियों को शोध छात्रों को उपलब्ध कराने कीव्यवस्था कराने को कहा।

         चर्चा के मध्य राज्यपाल जी ने कहा कि विश्वविद्यालय एक अतिविशिष्ट धार्मिक क्षेत्र में स्थित है। इसके आसपास स्थितधार्मिक स्थलों से सम्बन्धित प्रोजेक्ट तैयार कर विद्यार्थियों को विविध दर्शन पर शोध के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा किविश्वविद्यालय ऐसे कोर्सेज पर भी ध्यान दे, जो विद्यार्थियों को आर्थिक उपार्जन में सहायक हों। अनाथ बच्चों और संस्थागत प्रसव मेंजन्मे बच्चों की जन्मकुंडली बनाने के अपने पूर्व निर्देश की आज की बैठक में पुनरावृत्ति करते हुए राज्यपाल जी ने पूर्व निर्देशों केअनुपालन पर भी जोर दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय की कक्षाओं को भी आधुनिक किए जाने की आवश्यकता को लक्ष्य किया।

         राज्यपाल जी ने अपनी पूर्व बैठक में नैक मूल्यांकन की संस्कृत विश्वविद्यालय कैटेगरी का विश्वविद्यालय होने के कारण इसीकैटेगरी में उच्चतम श्रेणी प्राप्त कर चुके देश के अन्य विश्वविद्यालयों की एस0एस0आर0 का अवलोकन कर विश्वविद्यालय को अपनेएस0एस0आर0 को बेहतर करने का निर्देश दिया था। आज की बैठक में विश्लेषण के दौरान पुनः इस सुझाव के साथ प्रस्तुतिकरण मेंउत्कृष्टता लाने के निर्देश दिए गए। राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालय को बेस्ट प्रैक्टिस के मूल्यांकन ंिबंदु का विवरण समृद्ध करने केलिए विश्वविद्यालय के छात्रों को समीपस्थ ग्रामीण स्कूलों में बच्चों को भारतीय रीतिरिवाजों से वर्षगांठ, पर्व आदि मनाने, संस्कारों औरपरम्पराओं का ज्ञान रखने, संस्कृत श्लोकों का उच्चारण और उसका अर्थ जानने तथा गीता के अंशों को याद कराने के अभ्यास का कार्यकरवाने को कहा। उन्होंने ग्रामीण स्कूूलों में सरस्वती पूजा कराने और इस आयोजन में अभिभावकों को जोड़ने का निर्देश भी दिया।इसके साथ ही राज्यपाल जी ने नैक टीम के सभी सदस्यों को मूल्यांकन में उच्चतम ग्रेड प्राप्त करने हेतु जोर दिया।

          इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्राज्यपाल डॉ. सुधीर महादेव बोबडे, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा पंकज जॉनी, सम्पूर्णानंदसंस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के कुलपति प्रो0 आनंद कुमार त्यागी, संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा गठित नैक मूल्यांकन तैयारी कीटीम के सदस्य तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

Spread the love

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button