बनी पावर हाउस: गांव में झूल रही मौत! लापरवाह विद्युत विभाग दे रहा लोगों को दावत-ए मौत
वैसे तो लोगों की समस्याएं बहुत है लेकिन सरकारी सिस्टम की लापरवाही से समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। समस्याओं का समाधान करने में सबसे लापरवाह विद्युत विभाग।
पंकज सिंह चौहान
लखनऊ। बिजली के संसाधनों को बेहतर करने के लिए पावर कारपोरेशन करोड़ों रुपये खर्च करने का दावा तो कर रहा, लेकिन बनी पावर हाउस के अंतर्गत पहाड़पुर गांव में बिजली के तारों का मकड़ जाल सभी दावों की पोल खोल रहा है। जगह-जगह बिजली के खंभों पर तार झूलते नजर आ रहे हैं। तो वहीं अब भी बिजली आपूर्ति बांस-बल्लियों के सहारे की जा रही है। पहाड़पुर गांव में आए दिन स्पार्किंग होने से किसी न किसी घर की बिजली गुल हो जाती है। दरअसल पहाड़पुर गांव में बांस बल्ली के सहारे अभी भी बिजली की आपूर्ति दी जा रही है।
वर्षा पूर्व जीर्णशीर्ण व्यवस्था को सुधारने के नाम पर विद्युत सप्लाय बाधित करना महज कागजी खानापूर्ति प्रतीत हो रहा है। मेंटेनेंस के नाम पर विद्युत सप्लाय रोकना सार्थक नहीं दिखता। जहां देखों विद्युत पोल पर लटकते नंगे तार किसी अनहोनी घटना को अंजाम देने को आतुर नजर आते हैं।
बनी पावरहाउस अंतर्गत पहाड़पुर गाँव में विद्युत पोल पर लटकते नंगे तारों को देखा जा सकता है। जोखिम भरे पोल और नंगे तारों को हटाने के लिए कई बार ग्रामवासी संबंधित अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। लगता है विद्युत वितरण कंपनी को किसी हादसे का इंतजार है। शायद हादसे के बाद ही इसे सुधारा जाएगा। जबकि पोल जमीन से पूरी तरह विच्छेदित होकर विद्युत तार के सहारे लटका हुआ है। जो कभी भी तेज हवा के साथ गिरकर किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है।
कई महीनों से लो वोल्टेज की समस्या, नहीं हुआ सुधार
बनी विद्युत उपकेंद्र के दायरे में आने वाले पहाड़पुर गाँव में लो वोल्टेज से बिजली उपकरण शोपीस बन गए हैं। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का ग्रामीण उपयोग ही नहीं कर पा रहे हैं। भीषण गर्मी में लो वोल्टेज की समस्या से गाँव वालों का बुरा हाल है। इससे ग्रामीणों में नाराजगी है। लोगों ने वोल्टेज में सुधार की मांग की है। गर्मी का पारा चढ़ते ही विद्युत आपूर्ति बेपटरी हो गई है। पुराने जर्जर तार व कम क्षमता के ट्रांसफार्मर होने से करीब चार माह से क्षेत्र में लो-वोल्टेज की समस्या बनी हुई है। पर्याप्त वोल्टेज के अभाव में पंखे व कूलर समेत सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण शोपीस बन गए हैं।