देश-विदेश
नए संसद भवन के बारे में ये 10 विशेष बातें आपको जरूर जाननी चाहिए
नए संसद भवन के बारे में ये 10 विशेष बातें आपको जरूर जाननी चाहिए
नई संसद भवन के उद्घाटन के दौरान सर्व धर्म प्रार्थना का आयोजन किया गया। इस दौरान 12 धर्मों के प्रतिनिधि मौजूद रहें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई संसद भवन का उद्घाटन किया। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच संसद भवन का उद्घाटन हुआ। वहीं नया संसद काफी आलीशान है और पुरानी संसद से काफी बड़ा है। नया संसद भवन पूरी तरह से डिजिटलाइज्ड होगा और पेपर वर्क बहुत कम होगा। इस संसद में 92 कार्यालय मंत्रियों के लिए बनाए गए हैं।
संसद भवन के बारे में 10 महत्वपूर्ण बातें
- त्रिकोणीय आकार में नया संसद भवन: नए संसद भवन आकार में त्रिकोणीय है और ऐसा इसलिए है क्योंकि यह जिस भूखंड पर बना है वह त्रिकोण है। वास्तुकार बिमल पटेल के अनुसार आकार विभिन्न धर्मों में पवित्र ज्यामिति का भी संकेत है।
- निर्मित क्षेत्र: नए संसद भवन में तीन मंजिला और 64,500 वर्गमीटर का निर्मित क्षेत्र है। लोकसभा कक्ष में 888 सीटें होंगी। सेंट्रल हॉल के अभाव में लोकसभा का उपयोग दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के लिए किया जाएगा। हालांकि 1272 लोग एक साथ इसमें बैठ सकते हैं।
- लोकसभा: नए लोकसभा कक्ष को पीकॉक थीम पर बनाया गया है, जिसमें दीवारों और छत पर नक्काशीदार राष्ट्रीय पक्षी के पंखों से तैयार किए गए डिजाइन हैं। वहीं राज्यसभा कक्ष को लाल कालीनों के साथ इसकी थीम के रूप में कमल से सजाया गया है। लोकसभा और राज्यसभा दोनों में एक बेंच पर दो सांसद बैठ सकेंगे और हर सांसद के डेस्क पर टच स्क्रीन होगी।
- राज्य सभा: राज्यसभा कक्ष में अब 384 सदस्य बैठ सकते हैं। राज्यसभा में भविष्य में संसद सदस्यों की संख्या बढ़ सकती है इसलिए इसे बड़ा बनाया गया है।
- संविधान हॉल: नए भवन में एक कांस्टीट्यूशन हॉल है, जहां भारतीय लोकतंत्र की यात्रा का दस्तावेजीकरण किया गया है। महात्मा गांधी की 16 फुट ऊंची कांस्य प्रतिमा पुरानी और नई इमारतों के बीच लॉन में रहेगी।
- कार्यालय की जगह: पुराने भवन में तीन समिति कक्ष थे लेकिन नए भवन में छह नए समिति कक्ष हैं। इसके अलावा मंत्रिपरिषद के कार्यालयों के रूप में 92 कमरे हैं।
- पूरे देश से सामग्री: नए भवन के आंतरिक और बाहरी निर्माण के लिए देश भर से निर्माण सामग्री लाई गई है। इसमें धौलपुर के सरमथुरा से बलुआ पत्थर और राजस्थान के जैसलमेर के लाखा गांव से ग्रेनाइट शामिल है। इसी तरह साज-सज्जा में प्रयुक्त लकड़ी नागपुर की है और मुंबई के शिल्पकारों ने लकड़ी के वास्तुशिल्प डिजाइन का नेतृत्व किया है। उत्तर प्रदेश के भदोही बुनकरों ने इमारत के लिए हाथ से बुने पारंपरिक कालीन बनाए हैं।
- राष्ट्रीय चिन्ह: यह भवन राष्ट्रीय प्रतीकों से भरा हुआ है, जिसमें राष्ट्रीय प्रतीक (अशोक का शेर) शामिल है। इसका जिसका वजन 9,500 किलोग्राम है और ऊंचाई 6.5 मीटर है, और दूर से दिखाई देता है। नई संसद के प्रवेश द्वार पर अशोक चक्र और ‘सत्यमेव जयते’ शब्द पत्थर में उकेरे गए हैं।
- नई संसद के निर्माण की लागत: हालांकि नई संसद की लागत अज्ञात बनी हुई है। शुरुआती ठेका टाटा प्रोजेक्ट्स को 861.9 करोड़ रुपये में दिया गया था, लेकिन जब तक परियोजना शुरू हुई तब तक लागत बढ़कर 971 करोड़ रुपये हो गई। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि लागत 1,200 करोड़ रुपये हो गई है। इसमें संस्कृति मंत्रालय द्वारा खरीदी गई कलाकृति के लिए 200 करोड़ रुपये शामिल हैं। सरकार को अभी अंतिम लागत की घोषणा करनी है। करीब 60000 से अधिक श्रमिकों ने संसद भवन का निर्माण किया है।
- डिजिटल परिवेश: नई संसद के पर्यावरण के अनुकूल फ़ोकस के अनुरूप सभी रिकॉर्ड, सदन की कार्यवाही, प्रश्न और अन्य व्यवसाय को डिजिटाइज़ किया जा रहा है। इसके अलावा टैबलेट और आईपैड होंगे, जिससे यह संचालित होगा।