देश-विदेश

लोकसभा में विद्युत संशोधन विधेयक पेश, विपक्षी पार्टियों ने किया विरोध 

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोमवार को लोकसभा में ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने बिजली संशोधन विधेयक 2022 पेश किया। विपक्षी पार्टियों ने इसका जमकर विरोध किया। विपक्ष ने इसे इलेक्ट्रिीसिटी इंडस्ट्री के निजीकरण की दिशा में एक कदम बताया। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह विधेयक कॉपरेटिव मूवमेंट का उल्लंघन करता है। साथ ही राज्यों के अधिकारों को कम करने वाला है।
दिल्ली सीएम बोले- यह विधेयक खतरनाक है
 
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के संरक्षक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लोकसभा में बिजली संशोधन बिल पेश किया गया। ये कानून बेहद खतरनाक है, जो देश में बिजली की समस्या सुधारने के बजाय और खराब कर देगा। इससे आम लोगों की तकलीफें बढ़ेंगी बस चंद कंपनियों को फायदा होगा। केंद्र से अपील है कि इस विधेयक को लाने में जल्दबाजी न करे।
विपक्ष के विरोध के बाद ऊर्जा मंत्री ने इस विधेयक को संसदीय स्थायी समिति को भेजने का आग्रह किया है। उनका कहना है कि यह विधेयक प्रणाली को बेहतर करने और प्रशासनिक सुधार के लिए जरूरी है।

बिजली संशोधन विधेयक 2022 में कई अहम प्रस्ताव किए गए हैं।

  1. एक सर्किल में ज्यादा यूटिलिटी कंपनियों को कामकाज करने की मंजूरी मिलेगी।
  2. पावर रेगुलेटर को मार्केट प्राइस के हिसाब से बिजली टैरिफ तय करने की छूट होगी।
  3. भुगतान, प्रक्रिया और समय-सीमा को आगे बढ़ाने जैसे मामलों पर काम किया जा रहा है।
विभाग के कर्मचारी विरोध में उतरे
 
सरकार का कहना है कि इस विधेयक से बिजली वितरण क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा निजी कंपनियों की एंट्री का रास्ता तैयार होगा। इस सेक्टर में निजी कंपनियों का दखल बढ़ने से सस्ती बिजली का दौर समाप्त होगा। इस कानून के जरिए बिजली सेक्टर के 75 अरब डॉलर के कर्ज का संकट दूर करने का प्रयास कर रही है। हालांकि कानून के बनने से पहले ही इसका विरोध शुरू हो गया है। बिजली विभाग के 27 लाख कर्मचारियों समेत विपक्षी पार्टियों ने भी इस कानून के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
Spread the love

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button