रज्यपाल ने उत्तर प्रदेश-गुजरात मैत्री दिवस कार्यक्रम में किया सहभाग
युवा पीढ़ी को एक दूसरे की सांस्कृतिक विरासत को जानने का अवसर मिलेगा
लखनऊ (करण वाणी, न्यूज)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज संत गाडगे जी महाराज प्रेक्षागृह, गोमतीनगर, लखनऊ में उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग तथा गुजरात राज्य के स्पोटर््स, यूथ एण्ड कल्चरल एक्टिविटी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में ह्यएक भारत-श्रेष्ठ भारतह्ण योजना के अन्तर्गत गुजरात स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित ह्यउत्तर प्रदेश-गुजरात मैत्री दिवसह्ण कार्यक्रम में सहभागिता की।
राज्यपाल जी ने कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश और गुजरात के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किये गये विभिन्न सांस्कृतिक नृत्यों जैसे आदिवासी लोक नृत्य, गुजरात, मार्शल आर्ट नृत्य गुजरात, ढ़िढिया लोक नृत्य, करमा नृत्य, चरकुला नृत्य एवं फूलों की होली उत्तर प्रदेश, ढाल तलवार राष्ट्र नृत्य, गुजरात आदि को देखने के बाद अपार प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि काफी लंबे समय बाद दो राज्यों के कलाकारों द्वारा ऐसी अद्वितीय प्रदर्शन देखने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि गुजरात मेरा अपना प्रदेश है पर अब उत्तर प्रदेश भी मेरा है। उन्होंने विशेषकर आदिवासी कलाकारों की प्रसन्नता करते हुए कहा कि ये कलाकार सामान्य पृष्ठभूमि से आते हैं और खेतों में दिनभर कड़ी मेहनत एवं सादा भोजन करने के बावजूद अपनी संस्कृत को जीवित रखते हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत चरकुला नृत्य के बारे में बताया कि यह नृत्य ब्रज की होली का गौरव है और इस नृत्य का उद्गम राधारानी के जन्म से जुड़ा है जिसमें उनके जन्म पर उनकी दादी ने हर्षित होकर चक्र लेकर नृत्य किया था।
उन्होंने कहा कि इससे हमें यह सीखना चाहिए कि हजारों वर्ष पहले भी बेटियों का सम्मान होता था इसलिए हमें इस प्रसंग से प्रेरणा लेकर सदैव बेटियों का सम्मान करना चाहिए।
राज्यपाल जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश और गुजरात के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान हमारी युवा पीढ़ी विशेषकर नवोदित कलाकारों के लिए एक संजीवनी साबित होगा। इसके साथ ही दोनों राज्यों की सांस्कृतिक विरासत को और मजबूत मिलेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन हमारी संस्कृति को मजबूती प्रदान करते हैैंं तथा इससे युवा पीढ़ी को एक दूसरे की सांस्कृतिक विरासत को जानने एवं समझने का अवसर मिलता है। राज्यपाल जी ने कहा कि अनेकता में एकता के भाव का प्रदर्शन आज के कार्यक्रम की विशेषता है। राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की आज की जापान यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां कई सालों से निवास कर रहे प्रवासी भारतीय आज भी अपनी भारतीय संस्कृति को जीवित रखे हुए हैं और ये गौरव की बात है कि प्रवासी भारतीयों ने अपनी भाषा में ही प्रधानमंत्री जी से बातचीत की। यह दृष्टांत बताता है कि वहां सैकड़ों सालों से रहने के बाद भी प्रवासी भारतीयों ने अपनी संस्कृति वेशभूषा आदि को आज भी नहीं छोड़ा है। राज्यपाल जी ने गुजरात से आए सभी अधिकारीगण, कलाकारों को राजभवन घूमने हेतु आमंत्रित भी किया।
इस अवसर पर उपस्थित संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री जयवीर सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि यह अत्यन्त गर्व का विषय है कि उत्तर प्रदेश की धरती पर भगवान श्रीकृष्ण ने अवतरित होकर प्रदेश का ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को एक नई दिशा एवं मार्गदर्शन दिया। उन्होंने गुजरात एवं उत्तर प्रदेश सरकार के मध्य हुए सांस्कृतिक एम0ओ0यू0 की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे दोनों ही प्रदेशों के मध्य सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा और कलाकार प्रोत्साहित होंगे।
कार्यक्रम में प्रमुख सचिव, संस्कृति एवं पर्यटन श्री मुकेश कुमार मेश्राम तथा प्रमुख सचिव स्पोर्ट्स, यूथ एवं कल्चरल एक्टिविटी गुजरात श्री अश्विनी कुमार ने दोनों राज्यों के मध्य हस्ताक्षरित हुए एम0ओ0य0 की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह एम0ओ0यू0 सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होगा।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, विशेष सचिव संस्कृति, निदेशक अयोध्या शोध संस्थान श्री लवकुश द्विवेदी तथा उत्तर प्रदेश और गुजरात से आए अधिकारी एवं कलाकार उपस्थित थे।