लखनऊ

ट्रैफिक सिस्टम को वीआईपी कल्चर से बाहर नहीं निकाल पा रही पुलिस

अव्यवस्था के कारण बनी, कटी बगिया व जुनाब गंज तिराहे पर रोज लगता है जाम

पंकज सिंह चौहान

लखनऊ (करण वाणी,न्यूज)। शहर की ट्रैफिक व्यवस्था केवल वीआईपी आने पर ही दुरुस्त रहती है। सड़कें भी खुली नजर आती हैं और पुलिसकर्मी अपना दायित्व सही से निभाते हैं।
विगत दिनों पीएम नरेंद्र मोदी नेपाल के एक दिवसीय दौरे से लौटकर सीधे कुशीनगर पहुंचे थें, जहां उन्होंने बुद्ध मंदिर में पूजा की, उसके बाद पीएम मोदी नें लखनऊ पहुंचकर मंत्रियों के साथ बैठक की।
जिस कानपुर राजमार्ग पर रोजाना वाहन अव्यवस्थित ढंग से खड़े मिलते थें, वही पीएम मोदी के आने से कानपुर रोड का नजारा बिल्कुल अलग था, शाम को नो एंट्री खुलने के इंतजार में जो ट्रक नेशनल हाईवे पर दो-दो लाइन लगाकर बेतरतीब ढंग से गाड़ी खड़ी कर देते थे, पीएम मोदी के आने से वह नजारा बिल्कुल बदला हुआ था, सड़कें इतनी खुली नजर रही थी कि हर कोई एक ही बात पूछ रहा था आज कौन आने वाला है। हर 50 मीटर की दूरी पर पुलिस को तैनात किया गया था। जो भी वाहन चालक या रेहड़ी वाला रोड पर एक सेकंड के लिए भी खड़ा हो रहा था तो पुलिस अधिकारी कर्मचारी उसे तभी खदेड़ रहे थे। वाहन लेकर आने वाले लोग यही बोल रहे थे कि काश ऐसा ही नजारा हर रोज हो तो लाखों रुपये का तेल बर्बाद होने से बच पाए, जाम में फंसने पर बर्बाद होने वाला समय काम में लग जाए।

अव्यवस्था के कारण बनी, कटी बगिया व जुनाब गंज तिराहे पर रोज लगता है जाम

जाम लगने का मुख्य कारण है कानपुर रोड पर अव्यवस्थित ढंग से खड़े होने वाले ट्रक। जुनाबगंज में अवैध रूप से लगने वाली मौरंग मंडी भी जाम का मुख्य कारण है, सुबह से ही सैकड़ों ट्रक रोड पर बेतरतीब तरीके से खड़े हो जाते हैं, जिसके कारण प्राइवेट वाहनों को निकलने में काफी समस्या का सामना करना पड़ता है, वहीं शाम को नो एंट्री खुलने के इंतजार में सोहरामऊ से लेकर जुनाबगंज तक कानपुर नेशनल हाईवे पर ट्रक ड्राइवर आधी रोड पर अपना कब्जा जमा लेते हैं, और डबल लाइन में ट्रक खड़े कर देते हैं, जिसके कारण जुनाबगंज में शाम को भीषण जाम लग जाता है।
लोगों का कहना है कि जिस हिसाब से ट्रैफिक पुलिस अधिकारी कर्मचारी शहर में वीआईपी के आगमन पर अपनी ड्यूटी का निर्वाह जितनी जिम्मेवारी से करते हैं उसका आधा प्रतिशत भी अगर रोजाना करें तो लोगों को जाम से निजात मिल सकती है। वीआईपी आगमन पर होने वाली ड्यूटी तथा आम दिनों में होने वाली ड्यूटी से ऐसा लगता है कि आम दिनों में पुलिस अधिकारी कर्मचारियों को जाम से कोई लेना-देना नहीं है। जाम में चाहे एंबुलेंस फसे या फिर दमकल विभाग की गाड़ी।
अब ऐसे में कमिश्नर साहब को ही यह निर्णय लेना होगा कि ट्रैफिक व्यवस्था रोजाना वीआईपी के आगमन जैसी होगी या फिर ऐसे ही जाम में फंसकर लोग पुलिस अधिकारी कर्मचारियों को कोसते रहेंगे।

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