बहराइच हिंसा, सरफराज और तालीम का एनकाउंटर, नेपाल भागने की फिराक में थे दोनों आरोपी
एनकाउंटर में सरफराज़ और तालिब नाम के दो आरोपियों को गोली लगने की खबर है. दोनों नेपाल भागने की फिराक में थे.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने बहराइच हिंसा के दो आरोपियों का एनकाउंटर कर दिया है। इसमें से एक आरोपी सरफराज की हालत गंभीर बताई जा रही है। ये एनकाउंटर बहराइच के पास नानपारा में किया गया। एनकाउंटर को लेकर पुलिस पर कई सवाल भी उठ रहे हैं। बताया जा रहा है कि आरोपी पुलिस पर हमला कर नेपाल भागने की फिराक में थे। जिसके बाद पुलिस के साथ उनकी मुठभेड़ हो गई।
पुलिस ने कहा कि पहले दो आरोपियों की निशानदेही पर मर्डर में इस्तेमाल हुए हथियार की बरामदगी के लिए जब पुलिस टीम उन्हें लेकर गई तो उन्होंने वहां रखे हथियारों से पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी फायरिंग में दोनों को गोली लगी है।
पुलिस आरोपियों के भागने का इनपुट मिला था। इनपुट के आधार पर पुलिस ने गुरुवार को नाकेबंदी कर नेपाल सीमा के पास हांडा बसेहरी नहर पर सरफराज और उसके साथ तालिब को घेर लिया था। इसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों से सरेंडर करने को कहा लेकिन दोनों आरोपी पुलिस को चकमा देकर भागने की कोशिश करने लगे। इस पर पुलिस ने फायरिंग शुरू की। जिसमें दोनों आरोपी घायल हो गए।
बहराइच एसपी वृंदा शुक्ला का बयान
एनकाउंटर पर बहराइच एसपी वृंदा शुक्ला का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा- महाराजगंज बाजार में रामगोपाल मिश्रा की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में नामजद आरोपी मोहम्मद फहीम, मोहम्मद तालीम उर्फ सबलू ,मोहम्मद सरफराज, अब्दुल हमीद और मोहम्मद अफजल की गिरफ्तारी की गई है।
रासुका के तहत की जा रही कार्रवाई
एसपी ने कहा- इस मामले में अभी और लोगों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीम दबिश दे रही है। हिंसक घटना में जो लोग भी शामिल रहे हैं, चाहे वे अफवाह फैलाने में हों या साजिश रचने में, किसी भी तरह से जिनका रोल रहा है, उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। इस मामले में अभी और गिरफ्तारियां करनी बाकी है। सभी के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी।
क्या है बहराइच मामला
बहराइच में रविवार को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान दो पक्षों में हिंसा भड़क गई थी। इसमें राम गोपाल मिश्रा नाम के युवक की गोली मार कर हत्या कर दी गई। इसके बाद ये हिंसा और भड़क गई। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को आग लगा दी। पुलिस का कहना है कि राम गोपाल मिश्रा की हत्या गोली लगने से हुई। उसके साथ हुई बर्बरता की बातें भ्रामक और गलत हैं।