भगवान से भी चालबाज़ी, अपने लिए 800 रुपये किलो और भगवान के लिए 320 रुपए किलो वाला घी
तिरुपति बालाजी मंदिर में 320 रुपये किलो वाले घी से लड्डू बनाया जा रहे थे, आख़िर ऐसा कैसे हो सकता है कि 800 से ज़्यादा मिलने वाला देसी घी मंदिर को इतने सस्ते में मिल रहा था।
लडडू खाने वालों का शुद्धिकरण हो रहा हैं, मजाल है किसी ने नक़ली घी बनाने वाली कंपनी के विरुद्ध आवाज़ उठायी हो
पंकज सिंह चौहान/करण वाणी, न्यूज़
लडडू खाने वालों का शुद्धिकरण हो रहा है लेकिन मजाल है फर्जी घी बनाने वाली कंपनियों के विरुद्ध किसी ने आवाज उठाई हो, आवाज़ उठाना तो दूर की बात है लोग यहाँ आस्था के नाम पर भी दिमाग़ लगाते हैं, लोग अपने खाने के लिए तो 800 रुपये किलो वाले घी का इस्तेमाल करते हैं वहीं जब पूजा करने की बात आती है तो मार्केट से 300 रुपये किलो का घी लाते हैं।
दक्षिण भारत के तिरूपति मंदिर में मिलावटी देशी घी से प्रसाद के लडडू बनाए जाने की बात सामने आई है। प्रयोगशाला की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि देशी घी में जानवरों की चर्बी तथा मछली का तेल मिला हुआ है। इतना बड़ा मामला जिसने पूरे देश के श्रद्धालुओं की आस्था पर कुठाराघात किया है। इसी क्रम में देखा जाए तो देशी घी के ही नाम पर मिलावट का कारोबार धड़ल्ले से किया जा रहा है। बाजारों में खुलेआम देशी घी चाहें जितना ले लीजिए। खुशबू भी ऐसी आती है कि मानों असली वाला ही देशी घी हो। अब आप खुद ही अंदाजा लगा लीजिए कि नकली घी को असली देशी घी बनाने में किन-किन केमिकलयुक्त चीजों का प्रयोग किया जाता होगा।
मिलावटी देशी घी से प्रसाद के लडडू बनाए जाने की बात सामने आने पर मंदिर व लड्डू खाने वालों का शुद्धिकरण किया जा रहा है लेकिन किसी ने नक़ली घी बनाने वाली कंपनी के विरुद्ध कोई आवाज़ नहीं उठायी, मार्केट में आम दुकानों से लेकर शॉपिंग मॉल तक खुलेआम धड़ल्ले से नक़ली घी बेचा जा रहा है, पूजन सामग्री की दुकानों पर पूजा घी के नाम से बिकने वाला घी पूरी तरह नकली होता है। आम उपभोक्ता घी के साथ पूजा जैसा पवित्र शब्द पढ़कर इसे असली मानकर खरीद लेता है। सोचने वाली बात ये है कि मार्केट में घी की क़ीमत 800 या 1000 रुपये किलो है, वहीं पूजा वाला घी 200-300 रुपये किलो मार्केट में आसानी से मिल जा रहा है।
3 अक्टूबर से नवरात्रि का पर्व शुरू हो रहा है बाज़ारों में पूजा सामग्री की दुकान पर पूजा घी के नाम पर 200-300 रुपये किलो घी मिल जाएगा, जहाँ शुद्ध देसी घी की क़ीमत 800/1000 रुपया प्रति किलो है, तो वहीं आप अंदाज़ा लगा सकते हैं 200/300 रुपये किलो मिलने वाला घी कैसा होगा। मार्केट में जितनी नक़ली घी बनाने वाली कम्पनियों की भरमार है उससे ज़्यादा नक़ली घी ख़रीदने वालों की भी भरमार है। आस्था के नाम पर लोग कुछ भी करने को तैयार है हमें सोचना चाहिए जहाँ हज़ार रूपये किलो घी की क़ीमत हैं वह 300 रुपया किलो घी कैसे मिल सकता है।