राजनीति

जम्मू-कश्मीर में बजा चुनावी बिगुल,18 सितंबर से 3 चरणों में होगा मतदान

जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने के बाद घाटी में पहला चुनाव है। पिछला विधानसभा 2014 में पांच चरणों में हुआ था, तब लद्दाख जम्मू-कश्मीर हिस्सा था। जम्मू कश्मीर में यह विधानसभा चुनाव संविधान के अनुच्छेद 370 के निरसन के बाद हो रहे हैं।

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में आज विधानसभा चुनाव का बिगुल बजा गया।जम्‍मू-कश्‍मीर की 90 विधानसभा में तीन चरणों में 18 सितंबर से मतदान होगा। जम्‍मू-कश्‍मीर में पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को,दूसरे चरण का मतदान 25 सितंबर को और तीसरे चरण का मतदान एक अक्टूबर को होगा। वहीं मतगणना चार अक्टूबर को होगी। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में काफी समय से लोग चुनाव का इंतजार कर रहे थे। साल 2019 में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि विधानसभा चुनाव को लेकर जम्मू-कश्मीर के लोगों में ललक दिखी। यहां के लोग तस्वीर बदलना चाहते हैं। लोग बदलाव का हिस्सा होना चाहते हैं।जम्मू-कश्मीर ने हिंसा को नकारा है। राजीव कुमार ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा में कुल 87 लाख 9 हजार वोटर्स हैं, जिनमें 3.71 लाख फर्स्ट टाइम वोटर्स हैं।इनके मतदान के लिए कुल 11,838 मतदान केंद्र होंगे। यहां सभी मतदान केन्द्रों पर पर उत्सव का माहौल हो ऐसा हम चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस पूर्ववर्ती राज्य के सभी उम्मीदवारों को उनके राजनीतिक दलों की मांग के अनुसार आवश्यक सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी।

बता दें कि जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने के बाद घाटी में पहला चुनाव है। पिछला विधानसभा 2014 में पांच चरणों में हुआ था, तब लद्दाख जम्मू-कश्मीर हिस्सा था। जम्मू कश्मीर में यह विधानसभा चुनाव संविधान के अनुच्छेद 370 के निरसन के बाद हो रहे हैं। अब जम्मू-कश्मीर एक केंद्रशासित प्रदेश है। पहले यह राज्य हुआ करता था।जम्मू-कश्मीर में विधानसभा की 90 सीटें हैं।जम्मू में 43 और कश्मीर में 47 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं।पिछली बार जम्मू-कश्मीर में साल 2014 में 87 सीटों पर विधानसभा चुनाव हुए थे,जिनमें जम्मू की 37, कश्मीर की 46 सीटों और लद्दाख की 6 सीटें शामिल थीं।परिसीमन का काम पूरा नहीं हो पाने से साल 2014 के बाद से जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं कराया जा सका।साल 2022 में परिसीमन के बाद से जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 90 सीटें हो गई हैं।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर का विधानसभा चुनाव अहम है।
धारा 370 हटने के बाद से घाटी की सियासत भी नए पड़ाव पर है। धारा 370 हटने से पहले तक जम्मू-कश्मीर राज्य था, लेकिन अब वह केंद्र शासित प्रदेश है। इस लिहाज से देखे तो अब घाटी में बड़ा बदलाव हो चुका है।ऐसे में इस बार के विधानसभा चुनाव बेहद अहम है।जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव 30 सितंबर से पहले कराने की समय सीमा हाई कोर्ट की तरफ से तय की गई थी।सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2023 में केंद्र शासित प्रदेश में 30 सितंबर 2024 तक विधानसभा चुनाव कराने के निर्देश दिए थे।घाटी में 10 साल के अंतराल के बाद चुनाव होंगे।आखिरी विधानसभा चुनाव 2014 में हुआ था।

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