उत्तर प्रदेश

NCR की तर्ज पर यूपी में होगा SCR, लखनऊ के आसपास 6 जिलों के अधिग्रहण के लिए अधिसूचना जारी

उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र में लखनऊ समेत छह जिले शामिल होंगे। इसका कुल अधिग्रहित क्षेत्र 27,826 वर्ग किमी होगा। कई विभागों के अधिकारियों को इसका सदस्य बनाया गया है।

लखनऊ। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की तर्ज पर उप्र राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) विकास प्राधिकरण की अधिसूचना शासन नेशुक्रवार को जारी कर दी। मुख्यमंत्री को प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि मुख्य सचिव उपाध्यक्ष रहेंगे।

इसके अलावा विभिन्न विभागों के अधिकारियों, जिलों के डीएम, विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्षों को प्राधिकरण का सदस्य नामित किया गया है। अपर मुख्य सचिव आवास एवं शहरी नियोजन नितिन रमेश गोकर्ण द्वारा जारी अधिसूचना में लखनऊ समेत छह जिलोंको एससीआर में शामिल किया गया है।

शासन की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक एससीआर में लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, उन्नाव, रायबरेली और बाराबंकी को शामिलकिया गया है। इन जिलों की 27,826 वर्ग किमी भूमि को एससीआर में शामिल किया गया है। इसका मुख्यालय राजधानी में बनाया जाएगा।

बता दें कि इसके गठन के लिए राज्य सरकार ने पिछले दिनों अध्यादेश जारी किया था, जिसमें एससीआर और अन्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण के गठन की व्यवस्था दी गई थी। इसके गठन से लखनऊ के साथ ही आसपास के सभी पांच अन्य शहरों का जहां सुनियोजित विकास किया जाएगा, वहीं इन शहरों में नागरिक और अवस्थापना सुविधाओं का भी तेजी से विकास हो सकेगा।

एससीआर बनने से प्रदेश के आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी। इन जिलों का विकास दिल्ली एनसीआर की तर्ज पर किया जाएगा। सभी प्राधिकरणों के सहयोग और समन्वय से विकास परियोजनाओं को गति मिलेगी। किसी प्राधिकरण का विलय नहीं होगा। सभी का अस्तित्व बरकरार रहेगा।

राज्य राजधानी क्षेत्र में ये जिले शामिल

उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र में लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, उन्नाव, रायबरेली और बाराबंकी को शामिल किया गया है। नोटिफिकेशन के मुताबिक, लखनऊ की 2528 वर्ग किमी, हरदोई की 5986 वर्ग किमी, सीतापुर की 5743 वर्ग किमी, उन्नाव की 4558 वर्ग किमी, रायबरेली की 4609 वर्ग किमी और बाराबंकी की 4402 वर्ग कमी जमीन का अधिग्रहण किया जायेगा।

ये होगा फायदा

एनसीआर की तर्ज पर एसएसीआर के गठ से सभी जिलों का सुनियोजित शहरीकरण विकास किया जाएगा। सरकार चाहती है कि एससीआर से शहरों का एक समुचित ढांचा बनेगा। बुनियादी ढांचे के लिए सलाहकार भी नियुक्त किए जाएंगे। एससीआर में शिक्षा, चिकित्सा, स्वास्थ्य, पुरातात्विक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक धार्मिक स्थलों को ध्यान में रखकर विकास किया जाएगा।

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