बैंक खुले लेकिन नहीं हुआ कोई काम, उपभोक्ता परेशान
- निजीकरण के विरोध में दो दिन बंद रहे बैंक
लखनऊ। दो दिनों से सरकार द्वारा बैंकों के निजीकरण किए जाने के विरोध में बैंक कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी।सरोजनीनगर क्षेत्र में कई बैंकों के ताले खुले रहे , लेकिन इनमें लेन देन का काम ना होने से उपभोक्ताओं को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
बैंक कर्मचारियों ने बैंकों के निजीकरण के विरोध में दो दिवसीय बैंकों की हड़ताल सोमवार मंगलवार को जारी रखी। इन परिस्थितियों में लोगों को जहां पैसे जमा करने के लिए संकट उत्पन्न हो गया वहीं रुपये ना निकलने से लोगों को अधिक परेशानी उठानी पड़ी। दो दिन बैंक की बंदी से आम उपभोक्ताओं के साथ व्यापारियों को समस्याओं का सामना करना पड़ा है। बैंकों के साथ-साथ एटीएम भी पूरी तरीके से बंद रहे जिसके चलते किसी भी प्रकार से उपभोक्ता पैसा नहीं निकाल सके। निजीकरण के विरोध में शुरू हुई दो दिवसीय हड़ताल आम उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब साबित हुई।
क्षेत्र के कई बैंकों के शटर खुले रहे लेकिन के चैनल बंद रहे। कई बैंक के पूरी तरीके से खुली रहीं लेकिन इसके बावजूद जमा निकासी का कोई काम नहीं हुआ।बैंकों खुलने के बावजूद किसी प्रकार का काम ना होने से उपभोक्ता मायूस रहे।बैंकों की हड़ताल के चलते बैक बैंकिंग सेवाएं पूरी तरीके से बंद रही खाताधारकों को काफी परेशानी उठानी पड़ी।ज्ञात हो कि बैंकों का निजीकरण किसी भी रूप में बैंक कर्मचारियों को स्वीकार नहीं है। निजीकरण और नेशनल मोटिवेशन प्लान का निस्तारण करने की मांग और नई पेंशन स्कीम को निरस्त करो पुरानी पेंशन स्किन बहाल करो जैसी कई मांगे कर्मचारी पेंशन योजना के तहत न्यूनतम पेंशन में पर्याप्त वृद्धि करने की मांग बैंक कर्मचारी कर रहे हैं।पांच दिन की बैंकिंग कार्य सप्ताह को लागू करने की मांग कर रहे हैं इसके अलावा कई अन्य मांगे कर्मचारियों की है जो सरकार से निस्तारण को लेकर मांग की हैं।