हाईवे पर प्लॉट लेकर बना रहे हैं मकान, अगर तोड़ा NHAI का नियम, तो टूट जाएगा घर
नेशनल हाईवे कंट्रोल एक्ट, सेक्शन 42 में हाईवे के किनारे निर्माण कार्यों को लेकर नियम स्पष्ट किए गए हैं. लखनऊ में आउटर रिंगरोड पर इन नियमों की अनदेखी करने पर मकानों को तोड़ने का नोटिस दिया जा रहा है।
- लखनऊ में आउटर रिंग रोड पर दोनों तरफ हुए निर्माण को अवैध मानते हुए LDA ने नोटिस जारी करना शुरू किया।
- सभी नेशनल हाईवे के दोनों किनारों के 90 मीटर के भीतर कृषि भूमि की बिक्री पर मनाही है।
- नेशनल हाईवे कंट्रोल एक्ट, सेक्शन 42 में हाईवे के किनारे निर्माण कार्यों को लेकर नियम स्पष्ट किए गए हैं।
नई दिल्ली। देश में हाईवे के किनारे प्लॉट लेना लोगों को फायदे का सौदा लगता है इसलिए रोड के आसपास की जमीनों को बिल्डर्सऔर डेवलपर्स औने–पौने दामों पर बेचते हैं, लेकिन, हाईवे के किनारे जमीन पर रेसिडेंशियल या कमर्शियल निर्माण को लेकर कुछ नियमहैं, जिनकी अनदेखी करने पर आपके घर व दुकानों को तोड़ा जा सकता है, यूपी की राजधानी लखनऊ में आउटर रिंग रोड पर कुछ ऐसाही हो रहा है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में किसान पथ को कवर करने वाली आउटर रिंग रोड पर प्लॉट खरीदने वाले लोगों को लखनऊ विकासप्राधिकरण ने रोड के दोनों तरफ हुए निर्माण को अवैध मानते हुए सीलिंग और तोड़ने का नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है, एलडीएका कहना है कि रोड के किनारे निर्माण कार्य को लेकर लोगों ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की गाइडलाइंस को तोड़ा है।
हाईवे के किनारे जमीन खरीदी से जुड़ा नियम
एनएचएआई गाइडलाइंस में आउटर रिंग रोड और सभी नेशनल हाईवे के दोनों किनारों के 90 मीटर के भीतर कृषि भूमि की बिक्रीनिषिद्ध है, क्योंकि भविष्य में सड़क विस्तार के लिए जगह की आवश्यकता होती है।
एलडीए के जोनल अधिकारी देवांश त्रिवेदी ने बताया कि हाईवे के किनारे खेती पर कोई रोक नहीं है, किसान अपनी झोपड़ी भी बनासकते हैं, लेकिन किसान पथ के दोनों किनारों के 90 मीटर के भीतर जमीन पर कोई स्थायी निर्माण नहीं हो सकता है।
क्या कहता है NHAI का नियम
अगर आप नेशनल या स्टेट हाईवे के किनारे किसी तरह का निर्माण करवा रहे हैं या फिर जमीन खरीद रहे हैं. तो सडक के मध्य सेआपके निर्माण कार्य के बीच की दूरी 75 फुट होनी चाहिए. इसलिए हाईवे के मध्य से दोनों ओर 75-75 मीटर के दायरे में कोई निर्माणकार्य नहीं होगा, हालांकि, अगर निर्माण बेहद जरूरी है तो इसके लिए सड़क परिवहन मंत्रालय और NHAI से मंजूरी लेनी पड़ती है।
नेशनल हाईवे कंट्रोल एक्ट, सेक्शन 42 में हाईवे के किनारे निर्माण कार्यों को लेकर नियम स्पष्ट किए गए हैं, इन नियमों के तहतराजमार्ग के मध्य से 40 मीटर तक निर्माण की मंजूरी बिल्कुल नहीं मिलेगी, जबकि 40 से 75 मीटर के दायरे में निर्माण बहुत जरूरी हैतो जमीन मालिक को एनएचएआई से अनुमति लेनी होगी।
इससे पहले जिला मजिस्ट्रेट सूर्य पाल गंगवार ने मार्च 2023 में घर खरीदारों को आउटर रिंग रोड के किनारे प्लॉट खरीदने के प्रतिआगाह किया था. उस समय डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने कहा था, “प्लॉट, फ्लैट, दुकान या रो–हाउस खरीदने से पहले प्रोजेक्ट कीप्रामाणिकता सत्यापित करें. विक्रेता से विकास प्राधिकरण द्वारा पारित लेआउट और अनुमोदित मानचित्र मांगने में संकोच न करें।