संपादकीय

जनता में दौड़ा योगी के स्वच्छ शासन का अंडर करंट

थाना, ब्लाक, तहसील में नहीं चला दबंग कार्यकर्ताओं का सिक्का

अरविंद सिंह चौहान

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में जिस तरीके से योगी सरकार को प्रचंड बहुमत मिला है।इसमें योगी के स्वच्छ शासन का अंडर करंट जनता के अंदर दौड़ा जिसकी वजह से आदित्यनाथ योगी ने सारे रिकार्डों को तोड़ते हुए अपने नाम किया है।ऐसा नहीं है कि योगी को मिले अपार बहुमत की प्रशंसा भारतीय जनता पार्टी के लोग ही कर रहे हैं।यहां तक विपक्षी दलों के लोग भी मानते हैं कि यह सीधे मुख्यमंत्री योगी और जनता के बीच जिस तरीके से आम आवाम को सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराई और कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान गरीबों को राशन तेल चना नमक इत्यादि सुविधाएं दी गई इसका परिणाम है जनता ने भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को झोली भरकर मतदान के द्वारा बहुमत दिया है। इस बहुमत मिलने के साथ ही बहुत साफ हो जाता है जिसकी जरूरत अन्य दलों को भी है तभी आगे बेड़ा पार हो सकता है। जैसे कि जिस तरीके से उत्तर प्रदेश की जनता योगी आदित्यनाथ के ऊपर भरोसा जताती है। ठीक उसी तरीके से देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर जनता को पूर्ण विश्वास है। इसलिए दोनों नेताओं के द्वारा जो भी टिप्पणी की जाती है उस पर आम जनता पूरी तरीके से विश्वास करती है। जिसको केवल बातों में ही नहीं बल्कि मतदान में भी तब्दील होते हुए देखा गया।

केंद्र में 2014 2019 में दो बार जिस तरीके से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर जनता नहीं भरोसा जताते हुए प्रचंड बहुमत की सरकार बनाई है।ठीक उसी प्रकार से उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव में जनता ने बल्कि दल के ऊपर नहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऊपर अपार विश्वास जताते हुए सरकार बनाई इसको कोई भी झुठला नहीं सकता है , यह हर एक की जुबान पर बयां हो रहा है।इसका कड़वा सच तब उजागर होता है जब सपा बसपा कांग्रेस जैसे दलों के लोग यह कहते हैं कि यह किसी दल और कार्यकर्ता की बदौलत योगी आदिनाथ को जीत नहीं है।बल्कि जनता में जिस तरीके से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भरोसा कायम किया है यह उसी की जीत है। जनता के अंदर योगी ने अंडर करेंट पैदा किया है उसकी का परिणाम है कि लोगों को अचंभित करने वाली जीत मिली है।इसका सीधा सा उदाहरण है इससे पहले कि सरकारों में चाहे वह सपा भाजपा बसपा कांग्रेस जो भी सरकारी रही उनके कार्यकर्ताओं द्वारा थाना , तहसील , ब्लाक आदि प्रशासनिक स्थानों पर कब्जा करके अपनी हुकूमत चलाते थे और गरीबों का जमकर शोषण किया जाता था। जिसकी वजह से परेशान आम जनता आने वाले विधानसभा के चुनाव में कभी किसी दल के ऊपर भरोसा जताते हुए अपने ऊपर हो रहे अत्याचार की न्याय पाने की आस में उसको वोट देकर जीता देती थी तो कभी इसको। लेकिन फिर भी किसी भी सरकार से गरीबों को न्याय मिल पाने की आस कोसों दूर रहती थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 5 साल के शासनकाल में जिस तरीके से गरीबों को न्याय मिला है दबंगों द्वारा दोहन नहीं किया जा सका उसका फर्क सीधे तरीके से साफ तौर पर इस चुनाव में दिखाई दिया है। हर एक गरीब मतदाता के जुबान पर यही बात निकल रही थी इस शासनकाल में किसी प्रकार का कोई दोहन उत्पीड़न दबंगों द्वारा नहीं किया जा सका है।

शासन प्रशासन में भी गरीबों की सुनवाई हुई है ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।होता क्या था कि पार्टी के कार्यकर्ताओं के दबाव में प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारी काम करते थे।जिससे लोगों को न्याय मिलना तो दूर की बात थी बल्कि गरीबों का अनाप-शनाप उत्पीड़न किया जाता था।जिसकी वजह से लोग लगातार सरकारों को बदलते चले आ रहे थे।ऐसा पहली बार देखा गया है कि किसी मुख्यमंत्री के ऊपर जनता ने अपार भरोसा जताते हुए उसके नाम पर ही मतदान करना अपना सुरक्षा कवच और न्याय मिलने की पूरी उम्मीद कायम रखीं। ज्ञात हो कि पूर्व की सरकारों में थाना ब्लाक तहसील स्तर पर पार्टी के कार्यकर्ताओं का सिक्का चलता था।लेकिन यह पहली सरकार है जिसमें इन स्थानों पर किसी की मनमानी नहीं चली जो सही हुआ अधिकांश वही काम हुए है।यहां तक मन माने ना चलने से काफी पार्टी कार्यकर्ता नाराज भी दिखे।लेकिन जिस तरीके से पहले थाना ब्लाक तहसील में पार्टी कार्यकर्ताओं की जमात भारी तादाद में इकट्ठा रहती थी उसका नजारा भी बहुत ही कम पहले योगी आदित्यनाथ के शासन काल में दिखाई दिया।

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