उत्तर प्रदेश

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में VC ने जैसे ही फहराया तिरंगा, छात्रों ने लगाए अल्लाह हू अकबर के नारे

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय आए दिन न सिर्फ विवादों में रहता है बल्कि वहां होने वाली घटनाओं ने पूरे संस्थान की छवि धूमिल करने का काम किया है. ऐसा ही एक वाक्या गणतंत्र दिवस के मौके पर हुआ है।

अलीगढ़। हमेशा अपने विवादित बयान और विवादों को लेकर चर्चाओं में रहने वाले अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र एक बार फिर से विवादों में घिरते हुए नजर आ रहे हैं. गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर तारिक मनसूर द्वारा तिरंगा फहराया गया है. तिरंगा फहराने के कुछ ही देर बाद एएमयू के छात्रों ने वाइस चांसलर की मौजूदगी में अल्लाह हू अकबर के नारे जमकर लगाए हैं. जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर का कहना है कि यह वीडियो उनके संज्ञान में आया है. उन्होंने इस मामले में आरोपियों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

सोशल मीडिया में वायरल हुआ वीडियो

वायरल वीडियो में दर्जनों से अधिक छात्र जमकर नारेबाजी करते हुए नजर आ रहे हैं, जिस जगह नारेबाजी हो रही है. वहां से कुछ ही दूरी पर वाइस चांसलर तारिक मनसूर भी मौजूद थे. देश में हर ओर गणतंत्र दिवस की धूम है, और वही अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र विवादित नारे लगाकर वादों में घिरते हुए नजर आ रहे हैं.

कार्रवाई की मांग

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र डॉक्टर नितेश शर्मा ने वायरल वीडियो पर जानकारी देते हुए बताया है कि अभी अभी एक वीडियो प्राप्त हुआ है. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर जिस जगह वाइस चांसलर उपस्थित थे उस जगह 74 वें गणतंत्र दिवस का जो कार्यक्रम चल रहा था, उस कार्यक्रम में छात्रों के समूह द्वारा नारे तकदीर अल्लाह हू अकबर के नारे लगाए हैं. यह एक जंग का नारा है. धार्मिक नारा है. यह नारा उनकी सोच को दर्शाता है. इस तरीके के नारे लगवा कर क्या संदेश देना चाह रहे हैं. एक और पूरा देश भारत के संविधान को नमन कर रहा है. ऐसे में इस तरीके के नारे लगाकर भारत में विभिन्न पैदा करना चाह रहे हैं.

यह नारे अलगाववादी सोच को दर्शा रहे हैं. ऐसे में पुलिस प्रशासन से मांग है कि एक उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए, जो- जो लोग वहां उपस्थित थे सब की जांच होनी चाहिए कि यह नारे किस प्रकार से लगाए गए हैं, क्योंकि इसके पीछे कौन सी सोच काम कर रही है, और यह एक देश विरोधी है. हालांकि पुलिस ने अभी कोई एफआईआर दर्ज नहीं की है. उसका कहना है कि यह मामला अभी छात्रों और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच है.

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