जनवरी माह में करें टॉप 5 सब्जियों की खेती, होगी लाखो की कमाई
खेती-किसानी के काम को मौसम के अनुरूप करने से अच्छा उत्पादन मिलता है। यदि मौसम के अनुसार सही समय पर फसल की बुवाई का काम किया जाए तो इससे अच्छी पैदावार तो मिलती ही है, साथ ही बेहतर मुनाफा भी होता है। इसलिए किस महीने किस फसल की बुवाई करनी चाहिए ये हमें पता होना चाहिए, तभी हम उस फसल का अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। चाहे वो अनाज हो या दलहनी फसल हो या फिर सब्जियों की फसल ही क्यूं न हो। इस समय गेहूं की बुवाई लगभग पूरी हो गई है। गेहूं लंबी अवधि की फसल है। इस बीच किसान सब्जी की खेती करके इससे अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। ऐसी कई सब्जियां हैं, जो कम लागत में अच्छी कमाई देती हैं। आप इनकी खेती जनवरी माह में करके अच्छी इनकम प्राप्त कर सकते हैं। आज हम आपको जनवरी माह में उगाई जाने वाली चुनिंदा 5 टॉप सब्जियों की खेती की जानकारी दे रहे हैं जिससे आप काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
टर की खेती (Pea Farming)
मटर की खेती काफी लाभकारी खेती होती है। मटर की खेती करके किसान काफी अच्छा पैसा बना सकते हैं। मटर को दो तरीके से बेचा जा सकता है। एक तो मटर को ताजा सब्जी के रूप में बेच सकते हैं और दूसरा मटर की प्रोसेसिंग करके उन्हें पैकिंग में बेचा जा सकता है जो लंबे समय तक चलता है। इस मटर को फ्रोजन मटर कहा जाता है। ऐसे में आप इसे साल भर बेचकर अच्छा पैसा कमा सकते हैं। मटर की खेती के लिए आप इसकी अपर्णा मटर, आर्किल मटर, जवाहर मटर, काशी उदय मटर, पंत सब्जी मटर जैसी उन्नत किस्मों का चयन कर सकते हैं। इसमे आपको अपने क्षेत्र के अनुसार मिट्टी और जलवायु के आधार पर मटर की किस्म का चयन करना चाहिए।
ब्रोकली की खेती (Broccoli Farming)
जनवरी में ब्रोकली की खेती भी अच्छा मुनाफा देती है। खास बात ये हैं कि इसके बाजार में काफी अच्छे भाव मिल जाते हैं। ये स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी लाभकारी सब्जी मानी जाती है। इसलिए इसकी मांग बडी-बड़ी होटलों मे अधिक होती है। इसे बड़े- मॉल्स और बाजारों में बेचा जाता है। आजकल कई कंपनियों ने अपने स्टोर्स खोल रखें हैं जहां इन्हें बेचा जाता है। ब्रोकली की खेती लाभकारी खेती मानी जाती है। इसकी खेती करके लागत से अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है। आप ब्रोकली की ऑर्गेनिक खेती करके काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। अब बात करें ब्रोकली की किस्मों की तो इसकी किस्मों में ब्रोकली की सफेद, हरी व बैंगनी किस्में आती है, लेकिन इनमें से हरी ब्रोकली की किस्म ही सबसे ज्यादा पसंद की जाती है। ब्रोकली की प्रमुख किस्मों में नाइन स्टार, पेरिनियल, इटैलियन ग्रीन स्प्राउटिंग या केलेब्रस, बाथम 29 और ग्रीन हेड शामिल हैं।
मूली की खेती (Radish Farming)
मूली की खेती कम लागत में अधिक उपज देने वाली किस्म मानी जाती है। यह सर्दियों के मौसम में काफी अच्छी पैदावार देती है क्योंकि इस फसल की तासीर ठंडी होने से इसे धूप की कम आवश्यकता पड़ती है। इसलिए इसे सर्दियों में ही उगाया जाता है। मूली खाने से पाचनक्रिया सही रहती है। कई रोगों में मूली के बीजों व रस को औषधी के रूप में प्रयोग में लिया जाता है। ज्यादातर इसका उपयोग सलाद व सब्जी बनाने व मूली के परांठे बनाने में किया जाता है। इसके पत्तों को पशुओं को खिलाने में काम में लिया जा सकता है। मूली की खेती के लिए किसान भाई इसकी उन्नत किस्मों में मूली की जापानी सफेद, पूसा देशी, पूसा चेतकी, अर्का निशांत, जौनपुरी, बॉम्बे रेड, पूसा रेशमी जैसी उन्नत किस्मों की बुवाई कर सकते हैं।
किसान भाई फ्रेंच बीन की खेती करके भी अच्छी-खासी कमाई कर सकते हैं। फ्रेंच बीन को ताजा हरी सब्जी के रूप में खाया जाता है। इसके अलावा इसे सूखा कर राजमा और लोबिया के रूप में भी खाया जाता है। इस तरह ये सब्जी भी अधिक दिनों तक संग्रहित करके रखी जा सकती है और इसका उपयोग भी अधिक समय तक किया जा सकता है। ऐसे में इसकी खेती भी किसानों के लिए मुनाफे का सौंदा साबित हा सकती है। फ्रेंच बीन की दो तरह की किस्में आती हैं, पहली झाड़ीदार किस्में और दूसरी बेलदार किस्में। झाड़ीदार किस्मों में कंटेंडर, जाइंट स्ट्रींगलेस, पेसा पार्वती, अकार कोमल आदि आती हैं। वहीं बेलदार किस्मों में पूसा हिमलता, केंटुकी वंडर आदि किस्में हैं। इनमें से किसान अपने क्षेत्र की जलवायु व मिट्टी के आधार पर इसका चयन कर सकते हैं। किसान एक बात का विशेष ध्यान रखें कि इसकी फसल के लिए ज्यादा सर्दी और ज्यादा गर्मी दोनों ही हानिकारक है। इसलिए इसे ऐसे स्थान पर बोये जहां न ज्यादा सर्दी हो और न ही ज्यादा गर्मी। सर्दियों में इसकी फसल को पाले से बचाव करना जरूरी है।
लक की खेती (Spinach Farming)
पालक की खेती से भी किसान अच्छा लाभ कमा सकते हैं। इसकी खेती भी सर्दियों में काफी आसानी से की जा सकती है। सर्दियों में लोग हरे पालक की सब्जी, कई सब्जियों के साथ जैसे- पालक पनीर, आलू पालक, सादा पालक की सब्जी बनाकर खाई जाती है। इसके अलावा कई चीजों में भी इसे डालकर खाया जाता है। पालक के परांठे भी लोग बड़े चाव से खाते हैं। पालक आयरन का उत्तम स्त्रोत हैं। इसका प्रयोग गाजर के ज्यूस में भी किया जाता है। इसकी बाजार में मांग भी अच्छी रहती है और इसके दाम भी बेहतर मिल जाते हैं। इसलिए ये कहा जा सकता है कि पालक की खेती किसी भी तरह से किसानों के लिए घाटे का सौंदा नहीं है। किसान इसकी बुवाई के लिए आल ग्रीन, पूसा हरित, पूसा ज्योति, बनर्जी जाइंट, जोबनेर ग्रीन जैसी उन्नत किस्मों का चयन कर सकते हैं। इस तरह किसान उपरोक्त् बताई गईं इन 5 फसलों की खेती करके काफी अच्छी इनकम प्राप्त कर सकते हैं।