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वीरांगनाएँ – लक्ष्मीबाई, अहिल्या, पद्मावती महान, दे दी अपने प्राणों की कुर्बानियाँ….

प्रमाण की आवश्यकता नहीं–भारत का गौरवगान
(लेखिकाः प्रतिभा सिंह)

गायत्री सा ज्ञान, वेदों का विज्ञान,
जिन्हें प्रमाण की आवश्यकता नहीं।
भारत माता की शान, जिस पर कुर्बान,
हमारी आन-बान-शान,
उन्हें प्रमाण की आवश्यकता नहीं।

गंगा, गोदावरी, नर्मदा- ये नदियाँ माँ समान,
जिनमें बसती है हर भारतीय की जान,
इनकी पवित्रता को प्रमाण की आवश्यकता नहीं।

वीरांगनाएँ – लक्ष्मीबाई, अहिल्या, पद्मावती महान,
दे दी अपने प्राणों की कुर्बानियाँ,
बचाए रखा कुल और देश का स्वाभिमान,
इनकी शहादत को प्रमाण की आवश्यकता नहीं।

वीर शिवाजी, राणा प्रताप, नाना साहेब की शौर्य कहानी,
दे दी जान, लहराया स्वाभिमान का निशान,
भारत के खेत-खलिहान, उनके लहू से सिंचित,
गर्व से ऊँचा है तिरंगा महान,
उन्हें प्रमाण की आवश्यकता नहीं।

युग-युगांतर से भारत भूमि रही है वीरों की जननी
हर युग में गूंजी है वीरों की गर्जना बनी रवानी,
छलनी किए दुश्मनों के सीने,
अपने लहू से रच दी नई कहानी,
इन वीरों को प्रमाण की आवश्यकता नहीं।

अभी भी धड़कता है लहू, भारत की इस धरती में,
दुश्मन देखे तो काँपे युद्धभूमि में,
शेर थे, शेर हैं, शेर रहेंगे, भारत देश शेरों का है
उन्हें प्रमाण की आवश्यकता नहीं।

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