पहलगाम हमला: सिंधु जल संधि स्थगित, अटारी बॉर्डर बंद, पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक हुई, जिसमें कई अहम फ़ैसले हुए।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) की बैठक हुई।
इस बैठक में कई अहम फ़ैसले लिए गए, जिसमें पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया गया. इसके साथ ही अटारी बॉर्डर को भी बंद करने का फ़ैसला किया गया है।
प्रधानमंत्री आवास पर हुई बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल सहित कई शीर्ष अधिकारी मौजूद थे।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकवादी हमला हुआ था. इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई है और कई लोग घायल हुए हैं।
अटारी बॉर्डर बंद: भारत ने एकीकृत चेकपोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद करने का निर्णय लिया है। केवल वे लोग जो पहले से वैध तरीके से सीमा पार कर चुके हैं, उन्हें 1 मई 2025 तक उसी मार्ग से वापसी की अनुमति होगी।
वीजा रियायत समाप्त: पाकिस्तान के नागरिकों को अब SAARC वीजा छूट योजना के तहत भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। पूर्व में जारी सभी SPES वीजा रद्द कर दिए गए हैं। भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है।
पाकिस्तानी सैन्य सलाहकार निष्कासित: नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात रक्षा, सेना, नौसेना और वायुसेना के सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित कर एक सप्ताह में भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है।
भारतीय सैन्य सलाहकारों की वापसी: भारत ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को वापस बुलाने का निर्णय लिया है। इन पदों को तत्काल प्रभाव से समाप्त माना जाएगा।
सेना हाई अलर्ट पर: मौजूदा हालात को देखते हुए भारतीय सेना को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है। नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर निगरानी और कड़ी कर दी गई है। देशभर में इस आतंकी हमले को लेकर शोक और गुस्से का माहौल है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि देश शहीदों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देगा। भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वह किसी भी स्तर तक जाने के लिए तैयार है।