बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने ली संन्यास की दीक्षा, किन्नर अखाड़ा ने बनाया महामंडलेश्वर
बॉलीवुड अभिनेत्री रह चुकी ममता कुलकर्णी ने महाकुंभ पहुंचकर संन्यासी बन चुकी हैं। यहां उन्होंने संन्यास की दीक्षा ली और किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर बनाई गई हैं। ममता कुलकर्णी का किन्नर अखाड़े ने पट्टाभिषेक कर उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि दी है। इससे वह अखाड़े की साध्वी के रूप में जानी जाएंगी। इसके पहले उन्होंने एक वीडियो भी जारी कर इस बारे में जानकारी दी।
करण वाणी, न्यूज़ । बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी, जो 90 के दशक में अपनी बोल्ड और ग्लैमरस छवि के लिए मशहूर थीं, अब आध्यात्मिक जीवन अपना चुकी हैं। प्रयागराज के महाकुंभ में उन्होंने शुक्रवार (24 जनवरी 2025) किन्नर अखाड़ा में शामिल होकर संन्यास ले लिया है।
53 वर्षीय ममता कुलकर्णी ने महाकुंभ में किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी से आशीर्वाद लिया और उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि देने का ऐलान किया गया। ममता ने इस मौके पर संगम तट पर पिंडदान भी किया।
साध्वी के रूप में नई पहचान
महाकुंभ में ममता साध्वी के रूप में नजर आईं। उन्होंने भगवा वस्त्र पहन रखे थे और गले में रुद्राक्ष की बड़ी माला थी। उनके कंधे पर भगवा झोला भी लटक रहा था। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए एक यादगार और पवित्र क्षण है। अब उनका नाम बदलकर यामाई ममता नंद गिरि हो गया है।
किन्नर अखाड़ा में शामिल होने की प्रक्रिया क्या?
ममता कुलकर्णी ने किन्नर अखाड़ा में शामिल होने के लिए पहले लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी से लंबी बातचीत की। इसके बाद उन्हें अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी से मिलवाया गया। उनकी महामंडलेश्वर बनने की प्रक्रिया को पूरी गोपनीयता के साथ संपन्न किया गया।
भीड़ में ममता की एक झलक पाने की होड़
महाकुंभ में ममता को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। उनके साथ सेल्फी और फोटो लेने के लिए लोग उत्सुक दिखे। इस मौके पर ममता ने कहा कि महाकुंभ में आकर और संतों का आशीर्वाद पाकर वह खुद को सौभाग्यशाली मानती हैं।
अब से ममता कुलकर्णी को यामाई ममता नंद गिरि के नाम से जाना जाएगा। उनका आध्यात्मिक जीवन अपनाने का यह फैसला उनके पुराने जीवन से पूरी तरह अलग है। बॉलीवुड से दूरी बनाने के बाद ममता का जीवन हमेशा से रहस्यमय बना रहा।