2026 तक नक्सल मुक्त भारत: केंद्र सरकार का ऐतिहासिक लक्ष्य, 24 वर्षों में 77% की गिरावट: डॉ. राजेश्वर सिंह
देश में केवल 45 नक्सल प्रभावित जिले शेष, 40 वर्षों में पहली बार मौत का आंकड़ा 100 से नीचे, मोदी-शाह के संतुलित नेतृत्व और निर्णायक अभियानों ने नक्सलवाद की कमर तोड़ी: डॉ. राजेश्वर सिंह
विकास ही है समाधान’: मोदी-शाह की नीति से लाल गलियारे बन रहे हरित विकास के केंद्र
डॉ. राजेश्वर सिंह ने की नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक कदमों के लिए केंद्र सरकार की प्रशंसा
लखनऊ। मंगलवार को नक्सलवाद के विरुद्ध चलाये गए ऑपरेशन में छतीसगढ़ के गरियाबंद में 1 करोड़ का इनामी नक्सली कमांडर चलपति सहित 20 नक्सली मारे। इस बीच सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने ट्वीट कर केन्द्रीय नेतृत्व की प्रशंसा की है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट कर लिखा, ”माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत ने नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में असाधारण सफलता हासिल की है, जिससे प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास सुनिश्चित हुआ है। उनके संतुलित दृष्टिकोण, निर्णायक सशत्र अभियानों और जमीनी विकास पहलों के संयोजन ने हाल के वर्षों में नक्सली उग्रवाद को काफी हद तक कमजोर किया है।”
डॉ. सिंह ने नक्सली घटनाओं में तेज़ी से गिरावट के आंकड़े प्रस्तुतु करते हुए आगे लिखा,” वामपंथी उग्रवाद (LWE) की घटनाओं में 2010 से 77% की कमी आई है, जहां 2009 में 2,258 घटनाएं दर्ज हुई थीं, वहीं 2023 में यह संख्या घटकर सिर्फ 531 रह गई। 2024 में ही 287 नक्सलियों को निष्प्रभावी किया गया, जिनमें 14 शीर्ष पोलित ब्यूरो नेता शामिल थे, और 992 उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया। यह सुरक्षा बलों की प्रभावशीलता को दर्शाता है।” विधायक ने अपने पोस्ट में आगे लिखा, 40 वर्षों में पहली बार, वामपंथी उग्रवाद से संबंधित मौतों की संख्या 100 से कम हो गई, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। नक्सलवाद का भौगोलिक प्रभाव काफी घट गया है, पीआईबी डाटा के अनुसार प्रभावित जिलों की संख्या 2010 में 96 से घटकर 2024 में सिर्फ 45 रह गई है।
नक्सलवाद पर प्रभावी नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए विधायक ने आगे लिखा, ”वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा के लिए बजट 2024 में बढ़कर ₹3,006 करोड़ हो गया, जो पहले के वर्षों की तुलना में लगभग तीन गुना है। 2014 से अब तक वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में 11,000 किमी से अधिक सड़कें बनाई गई हैं, जिससे कनेक्टिविटी और विकास को बढ़ावा मिला है। 2024 में, प्रधानमंत्री मोदी जी ने इन क्षेत्रों में पुनर्वास और विकास को बढ़ावा देने के लिए 15,000 मकानों के निर्माण को मंजूरी दी। 2014 से अब तक 22,000 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिनमें से कई को छत्तीसगढ़ समर्पण नीति जैसी पुनर्वास योजनाओं के माध्यम से समाज में फिर से शामिल किया गया है, जिसे अब राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जा रहा है।
गृह मंत्री अमित शाह की नीतियों की प्रशंसा करते हुए डॉ. सिंह ने आगे जोड़ा,” गृह मंत्री श्री अमित शाह ने नक्सली हिंसा के पीड़ितों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की, सरकारी सहायता प्रदान की और प्रभावित समुदायों को ठीक करने की आवश्यकता पर जोर दिया। 2025 की शुरुआत ने इस संकल्प को और मजबूत किया है, जिसमें हमारे सुरक्षा बलों ने ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा पर 14 नक्सलियों को निष्प्रभावी किया। यह हमारे 2026 तक नक्सल मुक्त भारत के लक्ष्य को और दृढ़ करता है। विधायक ने आगे जोड़ा,”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “उग्रवाद का समाधान विकास” के मंत्र और गृह मंत्री अमित शाह की प्रभावी सुरक्षा रणनीतियों के तहत, लाल गलियारा धीरे-धीरे हरित विकास गलियारे में बदल रहा है। इन सतत प्रयासों ने पहले प्रभावित क्षेत्रों में शांति और समृद्धि लाई है, जिससे एक मजबूत, सुरक्षित और एकीकृत नए भारत का मार्ग प्रशस्त हुआ है।