शिक्षक स्वयं को जलाकर छात्रों में ज्ञान की लौ जलाता है: मधु ताम्बे
शिक्षक ही समाज का आइना है जो आरसी समाज को नई दिशा देता है: रणजीत सिंह
लखनऊ। संस्कृति निदेशालय उत्तर प्रदेश की सहयोग से मदर सेवा संस्थान के तत्वावधान में शिक्षक दिवस के अवसर पर आज यहां जानकीपुरम स्थिति चबूतरा थिएटर पाठशाला में बच्चों द्वारा आयोजित नाट्य कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि मधु तांबे उपनिदेशक सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने कहा कि शिक्षक स्वयं को जलाकर के छात्रों में ज्ञान की लौ जलाता है। एक अध्यापक सदैव बच्चों को निरंतर बढ़ने की सीख देता l नये-नये प्रयोगो से उन्हें देश हित के लिए मार्गदर्शन करता है तो वही रणजीत सिंह, पार्षद मनकामेश्वर वार्ड डालीगंज ने कहा की शिक्षक ही समाज का आइना है जो समाज को नई दिशा देता है l हमारे अंदर की प्रतिभा को खोजता है और उसे समाज की मुख्य धारा से जोड़ता है।
इसी क्रम में समाज के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत कर रहे जन सेवा शिक्षक सम्मान से विभिन्न विभूतियों को सम्मानित किया गया जो समाज के शिक्षक के रूप में एक आदर्श है l डॉ अनिल कुमार को चिकित्सा सेवा हेतु सिविल अस्पताल, डॉ जय सिंह आई आई एस प्रसार भारती को जन सेवा हेतु, राजेश पुजारी, अध्यक्ष, महर्षि वाल्मीकी कन्या विवाह समिति को गरीब कन्याओ की सामूहिक विवाह हेतु, दीप्ति सिंह, प्रधानाचार्या, एक्सर्ट किड्स जोन जन शिक्षण हेतु, संजय कुमार सिंह, सेंट क्लेयर कान्वेंट स्कूल,कंप्यूटर शिक्षण हेतु शैलेन्द्र सक्सेना, चिड़िया संजोने एवं समाज सेवा हेतु, शैलेन्द्री मिश्रा, संचलिका व्योव्यमं वृद्धाश्रम, बुजुर्गो की सेवा हेतु, ओम प्रकाश कनौजिया,जीपीओ को बाल जन सामाजिक सेवा हेतु, रामफेर कनौजिया, पशुपालन विभाग एवं कृष्ण गोपाल कनौजिया, उधमी को जन समाज सेवा हेतु अथितियों ने सम्मानित किया l इसके अतिरिक्त चबूतरा थिएटर पाठशाला के नन्हें कलाकारों ने अपनी नाट्य, नृत्य, गीत की प्रस्तुति दी और शिक्षक दिवस पर चित्रों की प्रतियोगिता भी हुई। जिसमे आंशी, अंशिता, गौरी, अंशिता , शुभी, आरुषि, आयुष, अंशिका, राजवीर, राधिका, सुहानी, आर्यन, शिवम ने अपनी अपनी प्रस्तुतियां दी।
कार्यक्रम का शुभारम्भ स्वागत गीत स्वागतम स्वागतम से साहेब सिंह यादव ने अपने गीत से आरम्भ किया जिसे चबूतरा म्यूजिकल ग्रुप ने प्रस्तुत किया।
इसके साथ तेरे जीवन मे खुशियाँ तमाम, ये तो सच है भगवान है तो तनु ने सखी रे बांके बिहारी से, प्रियंका ने मोहन से दिल क्यों लगाया, प्रज्ञा ने राधे तेरे चरणों में, रेशमा ने छोटी सी प्यारी सी नन्ही सी, इंद्रलाल ने भगवान बड़ी फुर्सत से, विजय कुमार ने राम तेरा रखवाला और दर्द मेरे दिल का मिटा यूँ, मुकेश ने गुरु बिना घोर अंधेरा और मैं तो हवा हूँ किस तरह जैसे मधुर गीतों से रविदास पार्क को संगीत मय कर दिया l संगतकर्ता में तबले पर राजेश कुमार, हारमोनियम पर विजय कुमार, दिलीप पेड कलाकार रहे l बच्चों को और कलाकारों को डॉ. अनिल,डॉ जय सिंह एवं ओम प्रकाश द्वारा गिफ्ट व प्रमाण पत्र वितरण किये मंच संचालन अनूप कुमार जायसवाल ने किया।
कार्यक्रम को संचालित महेश चंद्र देवा ने किया l कार्यक्रम में सहयोगी संस्था जे एफ चेरिटीबल ट्रस्ट एवं महर्षि वाल्मीकि कन्या विवाह समिति का योगदान रहा lपरशुराम कनौजिया, राम पाल दास, शिखा वाल्मीकि, मोनू गौतम, सोनाली वाल्मीकि, मोहम्मद अमन, लकी गौतम, आर्यन गौतम, सैफ, काजल आदि उपस्थित रहे l