योगी सरकार को बदनाम करने के लिए क्षत्रिय समाज के ख़िलाफ़ रची गई बड़ी साज़िश, क्षत्रिय समाज में रोष
पुलिस प्रशासन के द्वारा कठोर कार्रवाई व सभी आरोपियों की गिरफ़्तारी के बाद भी भाजपा MLC इस मुद्दे का कर रहे हैं राजनीतिकरण
योगी सरकार में बैठे किसी बड़े नेता के इशारे पर पूरे क्षत्रिय समाज को बदनाम करने का किया गया प्रयास
पंकज सिंह चौहान
लखनऊ। बंथरा में घटित हुई बिजली विवाद के बाद लगातार ब्राह्मण समाज क्षत्रिय समाज को घेर रहा था, वहीं अब क्षत्रिय समाज के लोग में भी काफ़ी रोष है, क्षत्रिय समाज ने हत्या जैसे गम्भीर मामले में फंसाए गए अपने समाज के युवकों को न्याय दिलाने की मांग की है।
क्षत्रिय समाज का आरोप है कि सरकार में बैठे किसी बड़े नेता के इशारे पर योगी सरकार को बदनाम करने के लिए क्षत्रिय समाज को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। हत्या जैसे गंभीर मामले में फँसाए गए सभी क्षत्रिय समाज के युवकों की गिरफ़्तारी हो गई, बंथरा थाने के इंस्पेक्टर सहित कई दरोग़ा और सिपाही निलंबित हो गए, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक मृतक ऋतिक पांडे के घर जाकर उनके उनके पिता समाजवादी पार्टी के नेता इंद्र कुमार पांडे को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया। इतनी कठोर कार्रवाई होने के बाद भी भाजपा एमएलसी प्रांशुदत्त द्विवेदी ने घटना को राजनीतिकरण करते हुए मृतक के पिता समाजवादी पार्टी के नेता इंद्र कुमार पांडे को मुख्य सचिव, डीजीपी व मुख्यमंत्री के पास लेकर गए।
ये है मामला
रविवार 21 जुलाई की रात बंथरा के कुछ घरों में लाइट नहीं आ रही थी उसे ठीक करवाने के लिए आसपास के लोग ट्रांसफॉर्मर के पास पहुंचे थे। ट्रांसफॉर्मर के पास ही कुछ घरों में लाइट आ रही थी उसी बात को लेकर दो पक्षों में कहासुनी हुई, कहासुनी के बाद सब सामान्य हो गया था और सभी लोग वहाँ से अपने घर लौट गए। मृतक के पिता समाजवादी पार्टी के नेता इंद्रकुमार ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया था कि रात करीब 10:30 बजे अवनीश पुत्र शबोहन सिंह, हिमांशू सिंह, प्रियांशू, प्रत्यूष पुत्र कन्हैया सिंह, शनि पुत्र विनोद सिंह अपने कई साथियों को लेकर लाठी-डंडों व असलहों के साथ घर में घुस गए। आरोपियों ने नौकर मैकू रावत, बेटे अभिषेक उर्फ़ रमन और ऋतिक को बुरी तरह से पीटा। इसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। अंदरूनी चोटें ज़्यादा गंभीर होने के कारण रात में अचानक ऋतिक की तबीयत बिगड़ गई। उसके बाद उसकी मौत हो गई।
मृतक के पिता समाजवादी पार्टी के नेता इंद्रकुमार के अनुसार 10-15 लोगों ने लाठी डंडा और असलहे के उनके घर पर हमला कर दिया और उनके दोनों बेटों और नौकर को बुरी तरह पीटा, अब सोचने बात ये है कि अगर 10-15 आदमी किसी को लाठी डंडों से मिलकर मारेंगे तो क्या उसके शरीर में कोई भी चोट नहीं आएगी। वही पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी चोट के कोई निशान नहीं है और न ही मृत्यु का कारण स्पष्ट है। इससे साफ़ पता चलता है कि इसका राजनीतिकरण करके क्षत्रिय समाज के लड़कों को निर्दोष फँसाया गया है।
क्षत्रिय समाज के सवाल
अगर 10-15 आदमियों ने मिलकर लाठी डंडों से मारा है तो फिर किसी का मेडिकल उपचार क्यों नहीं कराया गया, हॉस्पिटल क्यों नहीं लेकर गए।
झगड़ा होने के सात आठ घण्टे तक मृतक पूरी तरह स्वस्थ था चल फिर रहा था खुद गाड़ी चला रहा था तो इसमें हत्या का आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है।
कई सीसीटीवी फुटेज भी मिली है जिसमें मृतक समान रूप से चल फिर रहा है, जिससे यह भी स्पष्ट हो रहा है की लड़ाई झगड़े के बाद वह कहां–कहां गया।
लोगों में चर्चा का विषय, मृतक हाइपरटेंशन का मरीज था उन्हें 2016 में प्रथम बार हार्ट अटैक एवं 2019 में भी दोबारा हार्ट अटैक आ चुका है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी चोट के कोई भी निशान नहीं मिले हैं जो मृत्यु का कारण बने, विसरा को पुलिस ने सुरक्षित रख लिया है, पोस्टमार्टम में मृत्यु का कारण हार्ट अटैक बताया गया है।