राजनीति

योगी ही उपयोगी, कतरे जा सकते हैं ‘मनबढ़ केशव’ और ‘बड़बोले ब्रजेश’ के पर!

स्वतंत्रदेव सिंह और डॉ.लक्ष्मीकांत वाजपेयी को मिल सकती है उप मुख्यमंत्री की कुर्सी, भाजपा नेतृत्व डिप्टी की कुर्सी पर बरकरार रखना चाह रहा 'ओबीसी' और 'ब्राह्मण' कॉम्बिनेशन

लखनऊ। लोकसभा चुनाव के बाद समीक्षा के दौर से गुजर रही भाजपा ने उत्तर प्रदेश में बड़ी कार्रवाई के संकेत दे दिए हैं। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में मौजूदा दोनों उप मुख्यमंत्रियों को बदला जा सकता है। दोनों डिप्टी पर बार-बार दिल्ली की दौड़ अब भारी पड़ सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस बार के दिल्ली दौरे में ‘बड़ा बदलाव’ होने के आसार हैं। सूत्रों की मानें तो मौजूदा दोनों ही उप मुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य एवं ब्रजेश पाठक के पर कतरे जाने की तैयारी पूरी हो चुकी है। नए उप मुख्यमंत्रियों में स्वतंत्रदेव सिंह एवं डॉ.लक्ष्मीकांत वाजपेयी के नाम चर्चा में हैं। इससे ‘ओबीसी’ और ‘ब्राह्मण’ उप मुख्यमंत्री का कॉम्बिनेशन भी बरकरार रहेगा।

सूत्रों के अनुसार, उत्तर प्रदेश के दोनों मौजूदा उप मुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक को सरकार से हटाकर संगठन के काम में लगाया जा सकता है। इनके स्थान पर भाजपा नेतृत्व कद्दावर नेताओं के हाथों में उप मुख्यमंत्री की कमान सौंप सकता है। इसके लिए ⁠राष्ट्रीय नेतृत्व उत्तर प्रदेश के दो पूर्व अध्यक्षों के नाम पर विचार कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा संयुक्त रूप से यह अंतिम निर्णय लेंगे। ⁠बार-बार टिप्पणी करने एवं कैबिनेट की बैठकों में शामिल न होने से केंद्रीय नेतृत्व की दोनों डिप्टी सीएम से काफ़ी ‘खफा-खफा’ सा चल रहा है।

उप मुख्यमंत्रियों के बर्ताव से हाईकमान खुश नहीं 

बताया जा रहा है कि दोनों ही उप मुख्यमंत्रियों के बर्ताव से हाईकमान बिलकुल भी खुश नहीं है। भाजपा आलाकमान को अपने दोनों उप मुख्यमंत्रियों से काफी उम्मीदें थीं, जबकि दोनों ने ही सरकार और संगठन से लेकर नेतृत्व तक को समय-समय पर असहज करने का काम किया है। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, योगी-1 में गोपनीय विभागीय पत्र मीडिया में वायरल करवा कर सरकार की किरकिरी करवा चुके हैं। अभी हाल ही में हुई हाथरस में दुःखद घटना के वक्त ब्रजेश पाठक मौके पर न जाकर राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष के ख़ैरमखदम और खातिरदारी में पलक-पावड़े बिछाकर जुटे हुए थे। वहीं, केशव प्रसाद मौर्य ने अभी हाल ही में संविदाकर्मियों की भर्तियों में आरक्षण की आड़ लेकर सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्य पर निशाना साधते हुए लिखा गया गोपनीय पत्र मीडिया में वायरल कर दिया। दोनों डिप्टी सीएम, सीएम योगी की मंडलवार हो रही समीक्षा बैठक से लगातार गैरहाजिर चल रहे हैं। दोनों डिप्टी कैबिनेट की बैठक तक में नहीं आ रहे हैं। इस हरकत को आलाकमान ने घोर अनुशासनहीनता की श्रेणी में दर्ज किया है।

पिछड़ा की ‘स्वतंत्र’ तो ब्राह्मण की भरपाई करेंगे ‘वाजपेयी’ 

सूत्र बताते हैं कि पिछड़े समाज से आने वाले उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की जगह स्वतंत्र देव सिंह ले सकते हैं। केशव प्रसाद मौर्य, काछी समाज से आते हैं तो स्वतंत्र देव पटेल कुर्मी समाज का प्रतिनधित्व करते हैं। वहीं, पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा की जगह पर ब्राह्मण चेहरे के रूप में लाए गए ब्रजेश पाठक के स्थान पर डॉ.लक्ष्मीकांत वाजपेयी को अगला उप मुख्यमंत्री बनाये जाने की चर्चा है। ब्रजेश पाठक, बसपा से आयातित नेता हैं, जबकि कैडर से आने वाले डॉ.लक्ष्मीकांत वाजपेयी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। वर्तमान में वह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, राज्यसभा सासद के साथ ही कई राज्यों के प्रभारी का दायित्व निर्वहन कर रहे हैं।

खिसकता जनाधार भी बन रहा आधार: केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक को हटाए जाने का एक आधार उनका लगातार खिसकता जनाधार भी है। केशव प्रसाद मौर्य 2017 में विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद उप मुख्यमंत्री बनाए गए हैं। वह लगातार दूसरी बार ‘चोर दरवाजे’ यानी विधान परिषद के रास्ते सदन का हिस्सा बन सके हैं। इसी तरह, ब्रजेश पाठक भी हर बार अपनी सीट बदलते रहे हैं। हरदोई से ताल्लुक रखने वाले ब्रजेश पाठक के पैर कहीं जमते ही नहीं हैं। हरदोई छोड़कर उन्नाव आए ब्रजेश पाठक को वहां से भी भागना पड़ा। 2017 में लखनऊ मध्य से चुनाव लड़कर जीते ब्रजेश पाठक को कानून एवं न्याय मंत्री बनाया गया। 2022 के चुनाव में सुरक्षित सीट की तलाश में लखनऊ कैंट पहुंच गए। इस तरह भाजपा अपनी मजबूत सीट लखनऊ मध्य हार गई और सत्ता के केंद्र में आने वाले मध्य विधानसभा क्षेत्र की डोर समाजवादी पार्टी के रविदास मेहरोत्रा के हाथों में आ गई।

Spread the love

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button