क्षत्रिय शिक्षा, संस्कार व रोजगार पर दें ध्यान: डॉ राम औतार
अयोध्या में चल रहा राष्ट्रीय क्षत्रिय राजपूत समन्वय संघ भारत का द्वितीय अधिवेशन, अधिवेशन में उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों के क्षत्रिय हुए शामिल
अयोध्या/लखनऊ। राष्ट्रीय क्षत्रिय राजपूत समन्वय संघ (भारत) के वार्षिक अधिवेशन में राजपूतों के गौरवशाली इतिहास को याद किया गया। इस द्वितीय राष्ट्रीय अधिवेशन में भारत की राष्ट्रीय एकता, अखंडता, संस्कृति एवं सनातन के संरक्षण-संवर्धन पर चर्चा हुई। इसके अतिरिक्त क्षत्रिय समाज को नशामुक्त एवं कुरीतिमुक्त समाज बनाने का संकल्प भी लिया गया।
सूचना एवं जनसंपर्क प्रमुख नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान ने बताया कि अयोध्या के दर्शन नगर में संघ का चार दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन चल रहा है। पहले दिन विश्व योग दिवस के उपलक्ष्य में योग शिविर आयोजित किया गया। तदुपरांत परिचय सम्मेलन हुआ। दूसरे दिन सुबह से शाम तक भारत में क्षत्रिय समाज की वास्तविक दशा-दिशा पर गम्भीर चिंतन किया गया। शनिवार शाम को राष्ट्रीय क्षत्रिय राजपूत समन्वय संघ के कार्यों की समीक्षा की गई। इसी के साथ संघ के 16 उद्देश्यों की प्रतिपूर्ति के लिए नई रणनीति भी बनाई गई।
राष्ट्रीय अधिवेशन में गुजरात, दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश व उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों के पदाधिकारी हिस्सा ले रहे हैं। संघ के राष्ट्रीय संयोजक डॉ राम औतार सिंह, उत्तर प्रदेश के संयोजक देवेन्द्र कुमार सिंह, ओज कवि योगेश चौहान, संचालक सतेन्द्र बहादुर सिंह, अयोध्या जिलाध्यक्ष नागेन्द्र कुमार सिंह बैस राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारी मुनेन्द्र कुशवाह, देवेन्द्र कुशवाह, कमल सिंह गौतम, राजस्थान के रोशन सिंह शेखावत, आभा सिंह, कविता सिंह एवं बिहार के नीरस सिसौदिया आदि ने अपने विचार प्रमुखता के साथ रखे।
चौहान ने बताया कि संघ के राष्ट्रीय अधिवेशन का समापन 24 जून को होगा। रविवार को समस्त पदाधिकारी एवं उनके परिजन अयोध्या धाम का भ्रमण करेंगे। अगले दिन विदाई समारोह आयोजित किया जाएगा। संघ के संरक्षक श्री गणेश, श्री महाकाल, श्री राम एवं श्री हनुमान जी हैं।