सिपाही भर्ती पेपर लीक: कड़ा एक्शन लेने की तैयारी, STF ने बनाई ‘गुनहगारों’ की लिस्ट
यूपी सिपाही भर्ती परीक्षा कैंसिल हो गई। आने वाले 6 महीने में यह परीक्षा फिर से कराई जाएगी। पुलिस का अनुमान का यह पेपरप्रिटिंग प्रेस से लीक हुआ है।
एसटीएफ ने इस पूरे मामले से जुड़े नेटवर्क को खंगालना शुरू कर दिया है. इसके लिए बाकायदा एकलिस्ट तैयार की गई है, जिसके जरिए इस पूरे मामले के गुनहगारों तक पहुंचा जा सकेगां
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पेपर लीक होने के बाद पुलिस सिपाही भर्ती रद्द कर दी है. इससे लाखों अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिली है. अब यूपी STF ने 17 और 18 फरवरी को परीक्षा के दौरान नकल करने वाले अभ्यर्थियों के मददगारों की लिस्ट तैयार की है।
इस मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों के पास पेपर किस नेटवर्क से पहुंचा, उसका ब्रीफ तैयार करके सभी नेटवर्कको फिर से खंगाला जा रहा है. गाजियाबाद से गिरफ्तार महिला अभ्यर्थी को नकल कराने वाले गुरबचन के गैंग लीडर मोनू मालिक और कपिल की तलाश भी तेज कर दी गई है. मोनू मालिक और कपिल को पश्चिम उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पेपर लीक करने वाले गैंग का सरगना कहा जा रहा है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जो महिला अभ्यर्थी रिया चौधरी को पुलिस ने पकड़ा है, उसे ब्लूटूथ के जरिए नकल कराने की कोशिश की जा रही थी. गुरबचन के जरिए ही अभ्यर्थी का कपिल मालिक और मोनू मालिक से संपर्क हुआ था. गुरबचन को महिला अभ्यर्थी और उसके भाई के साथ गिरफ्तार किया जा चुका है।
पकड़े गए अभ्यर्थी को वॉट्सएप पर मिला था पेपर
लखनऊ के कृष्णा नगर से 18 फरवरी को नकल करते पकड़े गए अभ्यर्थी सत्य अमन को वॉट्सएप पर पेपर भेजने वाले नीरज के भी नेटवर्क को खंगाला जा रहा है. लखनऊ पुलिस ने अभ्यर्थी सत्य अमन और उसके साथी नीरज को 19 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया था।
नीरज से जब पुलिस टीम ने पूछताछ की थी, तो उसने मथुरा के ‘उपाध्याय‘ के जरिए पेपर मिलने की बात कही थी, लेकिन मथुरा का उपाध्याय कौन है, कहां रहता है, यह बात नीरज को नहीं पता थी. पेपर लीक मामले की जांच यूपी एसटीएफ में एडिशनल एसपी विशाल विक्रम सिंह की टीम कर रही है।