बीजेपी नेताओं की मुलाकात होते ही अलर्ट हुए अखिलेश, राजा भैया को दिया साथ आने का न्योता
लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से गठबंधन करने का दिया न्योता
राजा भैया के एक बयान से भी सपा और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के बीच संभावित गठबंधन को लेकर संकेत मिलते हैं. नरेश उत्तमपटेल और भूपेंद्र चौधरी से मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर राजा भैया ने कहा, ‘मैंने 28 सालों में 20 साल समाजवादी पार्टी को दिए हैं, मेरे लिए समाजवादी पार्टी पहले है, मेरे लिए यह कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है।
लोकसभा चुनाव में अब काफी कम वक्त बचा है. किसी भी समय निर्वाचन आयोग आम चुनावों के लिए कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है. उससे पहले राजनीतिक दल अपना समीकरण साधने और गठबंधन बनाने में जुटे हैं. यूपी में समाजवादी पार्टी ने हाल ही मेंकांग्रेस के साथ गठबंधन पर मुहर लगाई है, तो उधर भाजपा जयंत चौधरी को अपने पाले में लाने में कामयाब रही है. अब दोनों दलों की ओर से राजा भैया को साधने का प्रयास किया जा रहा है।
दो दिन पहले यूपी के सपा अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने जनसत्ता दल लोकतांत्रिक प्रमुख रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया से मुलाकातकी थी. उन्होंने फोन पर अखिलेश यादव की राजा भैया से बात भी कराई थी. इसके अगले दिन यूपी के भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी औरयोगी सरकार में मंत्री जेपीएस राठौर राजा भैया से मुलाकात करने पहुंचे. सूत्रों की मानें तो बीजेपी और सपा नेताओं की जनसत्ता दलप्रमुख के साथ हुई मुलाकात राज्यसभा चुनाव को लेकर रणनीति सेट करने के लिए थी।
राजा भैया आना चाहें तो उनका स्वागत: अखिलेश यादव
इस बीच अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनावों के लिए राजा भैया की पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया है. सपा प्रमुख ने कहा है कि अगर राजा भैया हमारे साथ आना चाहें तो उनका स्वागत है. अखिलेश यादव ने कहा, ‘वैसे भी बीजेपी ने अपने सभी गठबंधन सहयोगियों को 2-2 मंत्री पदों का वादा किया है. कैसे देंगे सभी को 2-2 सीट? जो मंत्री नहीं बनेंगे वे नाराज होंगे और हम उनका समर्थनले लेंगे‘।
राजा भैया के एक बयान से भी सपा और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के बीच संभावित गठबंधन को लेकर संकेत मिलते हैं. नरेश उत्तमपटेल और भूपेंद्र चौधरी से मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर राजा भैया ने कहा, ‘मैंने 28 सालों में 20 साल समाजवादी पार्टी को दिए हैं. मेरे लिए समाजवादी पार्टी पहले है. मेरे लिए यह कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है‘. दरअसल, यूपी में राज्यसभा की दसवीं सीट के लिए पेच फंसा है. संख्या बल के लिहाज से भाजपा अपने 7 उम्मीदवारों को आराम से राज्यसभा भेज देगी. वहीं सपा के भी दो उम्मीदवारों का राज्यसभा में जाना तय है।
उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10वीं सीट पर फंसा है पेच
दसवीं सीट के लिए दोनों दल पर्याप्त समर्थन जुटाने के लिए जोड़–तोड़ में लगे हैं. सपा को अपने तीसरे उम्मीदवार को राज्यसभा भेजनेके लिए 2 विधायकों के समर्थन की जरूरत है. राजा भैया की पार्टी के दो विधायक हैं. एक वह खुद और दूसरे विनोद सोनकर. अगर राजा भैया सपा का समर्थन कर दें तो वह अपने तीसरे उम्मीदवार को आराम से राज्यसभा भेज सकती है. इधर, बीजेपी भी इस जुगत में लगी है कि उसका 8वां उम्मीदवार राज्यसभा पहुंचे. राजा भैया से नरेश उत्तम पटेल और भूपेंद्र चौधरी की मुलाकात भी इसी सिलसिले मेंथी।