700 करोड़ रुपए से बने UAE के पहले हिंदू मंदिर का PM मोदी ने किया उद्घाटन
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में बने पहले हिंदू मंदिर का बुधवार 14 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया. 700 करोड़रुपए की लागत से बना यह मंदिर अपने आप में भव्य हैं. इस मंदिर में राजस्थान के पत्थरों का भी इस्तेमाल हुआ है.
गल्फ कंट्री संयुक्त अरब अमीरात को आज पहला हिंदू मंदिर मिला. यूएई के अबू धाबी में 700 करोड़ की लागत से बने पहले हिंदू मंदिरका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) उद्घाटन किया. यह मंदिर करीब 27 एकड़ जमीन पर बना है. जानकारी के मुताबिक साढ़े13 एकड़ इलाके में मंदिर बनाया गया है तो वहीं बाकी बचे साढ़े 13 एकड़ जमीन पर पार्किंग एरिया बनाया गया है. इस मंदिर कानिर्माण कार्य 2019 से चल रहा था. दुबई–अबू धाबी शेख जायेद हाइवे पर अल रहबा के समीप स्थित बोचासनवासी श्री अक्षरपुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) का निर्माण हुआ है. संयुक्त अरब अमीरात सरकार ने बीएपीएस मंदिर के लिए जमीन दान की है।
मंदिर में 18 लाख ईंटों का हुआ है इस्तेमाल
मंदिर को बनाने में करीब 18 लाख ईंटों का इस्तेमाल किया गया है. मंदिर की भव्यता को और बढ़ाने के लिए इसमें संगमरमर का प्रयोगकिया गया है. बीएपीएस मंदिर दुबई–अबू धाबी शेख ज़ायद हाईवे पर बनाया गया है. इस मंदिर के निर्माण में करीब 700 करोड़ रुपए ख़र्च किए गए हैं।
राजस्थान से अबू धाबी भेजा गया था बलुआ पत्थर
मंदिर के अग्रभाग पर बलुआ पत्थर की पृष्ठभूमि पर उत्कृष्ट संगमरमर की नक्काशी है, जिसे राजस्थान और गुजरात के कुशल कारीगरों द्वारा 25,000 से अधिक पत्थर के टुकड़ों से तैयार किया गया है. मंदिर के लिए बड़ी संख्या में गुलाबी बलुआ पत्थर उत्तरी राजस्थान सेअबू धाबी ले जाये गए थे।
उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने मंदिर में कृत्रिम रूप से बनाई गई गंगा, यमुना नदी में जल भी अर्पित किया. प्रधानमंत्री मोदी ने अबूधाबी में पहले हिंदू मंदिर में बीएपीएस आध्यात्मिक गुरु महंत स्वामी महाराज के पैर भी छुए. प्रधानमंत्री मोदी ने अबू धाबी में पहले हिंदूमंदिर के निर्माण में योगदान देने वाले विभिन्न धर्मों के लोगों से मुलाकात भी की।
राजस्थान की नक्काशी कला को भी मिला है स्थान
मालूम हो कि संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के सात अमीरातों का प्रतिनिधित्व करने वाले सात शिखर, ऊंटों की नक्काशी और राष्ट्रीयपक्षी बाज अबू धाबी में पत्थरों से बने पहले हिंदू मंदिर में मेजबान देश की झलक पेश करते हैं. इस मंदिर में राजस्थान की नक्काशी कला को भी स्थान मिला है. इससे राजस्थान के मूर्तिकार उत्साहित है।
पिछले चार वर्षों से संगमरमर के टूकड़ों को तराशकर उन्हें स्तंभों के साथ ही भगवान राम एवं भगवान गणेश जैसे हिंदू देवताओं की मूर्तियों में तब्दील करने वाले राजस्थान के कारीगर अत्यंत गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं, क्योंकि उनकी कला को अबू धाबी के पहले हिंदू मंदिर (Abu Dhabi First Hindu Temple) में जगह मिली है।
राजस्थान के मकराना के गांवों के कारीगरों ने भव्य मंदिर की कल्पना को साकार करने के लिए अपनी मूर्तिकला के साथ 2019 में एकरचनात्मक यात्रा शुरू की थी, जो कोविड-19 महामारी के दौरान भी जारी रही. राम किशन सिंह ने बताया कि, ‘मैं तीसरी पीढ़ी का मूर्तिकार हूं और हम आजीविका के लिए पत्थरों को तराशने का काम करते हैं. मैं अबू धाबी में एक हिंदू मंदिर के विचार को लेकर बहुत उत्साहित था. भाईचारे और सांप्रदायिक सद्भाव का संदेश देने के लिए इससे बेहतर उदाहरण क्या हो सकता है? मैंने मंदिर के लिए 83 टुकड़ों पर काम किया है।
दो गुंबद और 7 शिखर
उल्लेखनीय वास्तुशिल्प तत्वों में दो घुमट (गुंबद), सात शिखर शामिल हैं जो संयुक्त अरब अमीरात के सात अमीरात का प्रतीक हैं. प्रत्येक शिखर के भीतर, नक्काशी रामायण, शिव पुराण, भागवतम और महाभारत के साथ–साथ भगवान जगन्नाथ, भगवान स्वामीनारायण, भगवान वेंकटेश्वर और भगवान अयप्पा को दर्शाती है।