उत्तर प्रदेश

न पटरी न संकेतक, सड़क हादसों की मार से आए दिन तबाह हो रहे परिवार

  • पंकज सिंह चौहान

बनी मोड़ मोहनलालगंज बाईपास बना मौत का रनवे

बीतें 11 दिसंबर दिन सोमवार को बंथरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत पहाड़ पुर गाँव में देर रात एक शादी समारोह में जा रहे चार लोगों को एकअज्ञात वाहन ने कुचल दिया। घटना में दो युवकों की मौत हो गई है जबकि एक युवक गंभीर रूप से घायल हैं।

लखनऊ। पहाड़पुर गाँव के रहने वाले 27 वर्षीय राजेश सिंह के परिवार में सब कुछ ठीक चल रहा था। पत्नी ख़ुशबू 6 वर्ष के बेटे श्लोक के साथ राजेश हंसीखुशी जीवन व्यतीत कर रहे थे, लेकिन कुदरत को कुछ और मंजूर था। एक सड़क हादसे में परिवार की खुशियां एक झटके में बिखर गईं।

बनी मोड़ मोहनलालगंज बाईपास पर पहाड़पर गाँव में किसी अज्ञात वाहन ने राजेश सिंह सहित तीन अन्य लोगों को टक्कर मार दी हादसे में राजेश सिंह (27) और सचिन श्रीवास्तव (25) की मौत हो गई। वहीं प्रदीप सिंह (32) गंभीर रूप से घायल है अस्पताल में ज़िंदगी और मौत से जूझ रहे हैं, घटना के बाद उनके परिवार के सामने घुप अंधेरा छा गया। सबकुछ बर्बाद हो गया और आजीवन बेबसी झेलने का दंश मिल गया।

वहीं घायल प्रदीप सिंह का परिवार किराये पर रहकर काफी जद्दोजहद कर रहा है। प्रदीप का अस्पताल में इलाज चल रहा है, यह कहानी सिर्फ राजेश, सचिन और प्रदीप की नहीं, ऐसे सैकड़ों परिवारों की है जिनका कोई कोई सदस्य सड़क हादसों में असमय काल के गाल में समा जाता है। इसके लिए अनफिट सड़कें भी काफी हद तक जिम्मेदार हैं। संबंधित विभागों की बेपरवाही के कारण सड़कों की देखभाल, रखरखाव, सुरक्षा के उपाय अन्य प्रबंध नहीं किए जाने से स्थिति भयावह होती जा रही है।

सड़क फिटनेस में फेल प्रबंध तंत्र

लिंक मार्ग, स्टेट हाईवे या फिर नेशनल हाईवे हो। इन पर रोड सेफ्टी के लिए जो जरूरी कदम संबंधित सड़क निर्माण एजेंसियों या फिर जिला रोड सेफ्टी कमेटी की ओर से उठाए जाने चाहिए उनका पूरी तरह से अभाव है। परिणाम ये है कि इससे सड़क हादसों को बढ़ावा मिल रहा है। रोड सेफ्टी के लिए सड़कों पर 3 तरह के आदेशात्मक, संकेतात्मक और सूचनात्मक बोर्ड लगाए जाने जरूरी हैं लेकिन नेशनल हाईवे को छोड़ दे तो अधिकतर सड़कों पर इस तरह का कोई कदम नहीं उठाया गया है।

करण वाणी द्वारा जिले की सड़कें कितनी सेफ हैं उन पर रोड सेफ्टी के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। इसको लेकर शनिवार को बनीं मोड़ से मोहनलालगंज कटी बगिया से मोहन रोड पर पड़ताल की गई तो सामने आया कि इन सड़कों पर पटरी नाला और ही सांकेतिक बोर्ड हैं। कहां तीव्र मोड़ है, कहां पुल तंग हैं। कहां डेंजर प्वाइंट्स हैं। इन सबके लिए कोई भी सांकेतिक बोर्ड सड़कों पर नहीं लगाए गए। इतना ही नहीं इन सड़कों पर तो कहीं कहीं पर जरूरी सफेद पट्टी तक नहीं लगाई गई। सड़कों पर पटरी होने के कारण पिछले दिनों में काफी लोगों की जान गई।

सड़क से सटाकर लगा दिए बिजली के खंभे

बनी मोड़ मोहनलालगंज बाईपास पर विद्युत विभाग ने सड़क से सटाकर खंभे लगाए हैं जिसके कारण आए दिन हादसे होते रहते हैं, नियम के अनुसार सड़क से दो मीटर दूर ही खंभे लगाए जा सकते हैं, लेकिन विद्युत विभाग ने खंभे बिल्कुल सड़क से सटकर लगवा दिए। इससे स्थानीय ग्रामीणों में रोष है।

सड़क किनारे भरा पानी भी हादसे की वजह

जलनिकासी की उचित व्यवस्था होने से बनी मोड़ मोहनलालगंज बाईपास पर जलभराव की समस्या बनी हुई है। मुख्य मार्ग पर गंदापानी भरा होने से लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। रास्ते पर जलभराव से सड़क पर गड्ढे बन गए हैं। इसमें गिरकर आए दिन लोग हादसे का शिकार हो रहे। रास्ते पर गंदा पानी भरा होने से बीमारी फैलने की आशंका भी बनी हुई है। पानी निकासी की गंभीर समस्या से स्थानीय जन प्रतिनिधि और अधिकारी भली भांति वाकिफ हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर समस्या का निवारण नहीं हो पा रहा।

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