नौकरी पर ख़तरा, यूपी-112 पर तैनात महिला कॉल टेकर का धरना, अखिलेश यादव ने पूछा- कौन खा रहा खजाना
यूपी पुलिस की डायल 112 सेवा के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों ने सोमवार को लखनऊ में जबर्दस्त हंगामा किया, नौकरी पर संकट आने की आशंका के बीच ये कर्मचारी मुख्यालय के बाहर बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए, हालांकि वरिष्ठ अधिकारियों ने इन्हें भरोसा दिलाया कि किसी की नौकरी नहीं जाएगी।
लखनऊ। यूपी पुलिस की डायल 112 में संविदाकर्मियों की नौकरी जाने के मामले ने सोमवार को तूल पकड़ लिया, नौबत ये आ गई किआउटसोर्सिंग पर काम करने वाले कर्मचारी बड़ी संख्या में मुख्यालय पर आ जुटे, ये वो कर्मचारी थे जो डायल 112 के फोन कॉल रिसीवकरते हैं, लखनऊ स्थित मुख्यालय के बाहर इन कर्मचारियों ने धरना दिया और जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन किया, हालांकि सरकार की ओरसे इन कर्मचारियों को भरोसा दिया गया है कि किसी भी कॉल टेकर्स की नौकरी नहीं जाएगी।
डायल 112 मुख्यालय के बाहर सैकड़ों की संख्या में जुटीं कॉल टेकर्स अपनी मांगों के पूरा न होने से नाराज दिख रही थीं, इन कॉलटेकर्स का कहना था कि पिछले कई सालों से काम करने के बावजूद इनकी सैलरी नहीं बढ़ रही है, आपको बता दें कि अभी तक टेकमहिंद्रा कंपनी के पास यूपी 112 को कॉल टेकर्स कर्मचारी देने का जिम्मा था, जो 3 नवंबर से वी विन कंपनी के हवाले किया गया है, इसी को लेकर कॉल टेकर्स को आशंका है कि उनकी नौकरी जा सकती है।
नहीं जा रही किसी की नौकरी: एडीजी
इधर, डायल 112 कर्मचारियों के हंगामे के बाद पुलिस मुख्यालय की तरफ से बयान आया, यूपी 112 के एडीजी अशोक सिंह ने कहा कि किसी भी कॉल टेकर को नहीं हटाया जा रहा है, उन्होंने कहा कि यूपी सरकार के नियमों के मुताबिक अब कॉल टेकर्स को स्किल्डलेबर माना जा रहा है, नए नियम और नई कंपनी के चलते हर कॉल टेकर की सैलरी में करीब 1300 रुपए प्रति माह बढ़ रहे हैं, एडीजी नेकहा कि यूपी 112 के सिस्टम में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है, हम कॉल टेकर्स से बात कर रहे हैं।
अखिलेश यादव आए समर्थन में पूछा– कौन खा रहा खजाना
डायल 112 कर्मियों के हंगामे को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव नेइसको लेकर सोशल मीडिया पर अपना बयान साझा किया, उन्होंने X पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘उप्र में भाजपा सरकार काअपराध के प्रति ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ इसलिए ज़ीरो हो गया है, क्योंकि उप्र की भाजपा सरकार ‘डायल 100’ तक को उनका वेतन नहीं दे पारही है, जिससे मजबूर होकर कर्मियों को धरने पर बैठना पड़ रहा है, सवाल ये है कि प्रदेश का ख़ज़ाना कौन खा जा रहा है, अब इसघपले–घोटाले की शिकायत किस ‘डायल 100’ पर की जाए, वेतन न देकर, कम से कम दिवाली पर तो भाजपा सरकार लोगों के घरों मेंअंधेरा न करे।