नूह हिंसा मामले में राजस्थान से कांग्रेस MLA मामन खान गिरफ़्तार
हिंसा के आरोपी से संपर्क में थे विधायक? हरियाणा पुलिस का बड़ा दावा
हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को हुई हिंसा के मामले में हरियाणा पुलिस ने नूंह के फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस विधायक मामन खानको राजस्थान से गिरफ्तार किया है। खान पर नूंह में हिंसा फैलाने का आरोप है।
नूंह के नगीना पुलिस स्टेशन में सांप्रदायिक हिंसा फैलाने के मामले में मामन खान के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। इसी के सिलसिले मेंउनकी गिरफ्तारी की गई है। DSP सतीश कुमार ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि की है।उन्होंने बताया कि खान को शुक्रवार को अदालत मेंपेश किया जाएगा।
तौफीक से हुई बात को सबूत माना
अब तक की हुई पुलिस जांच में इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं कि मामन खान नूंह में हिंसा फैलाने वालों से जुड़े थे। जांच में सामनेआया है कि मामन खान कथित तौर पर फोन पर मोहम्मद तौफीक नामक एक संदिग्ध के संपर्क में थे। हिंसा में शामिल होने के आरोप मेंतौफीक को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस अब उससे पूछताछ कर रही है, जिसमें कुछ बड़े खुलासे हुए हैं।
पुलिस के पास पर्याप्त सबूत
हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट में बताया है कि 31 जुलाई को नूंह में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में दर्ज FIR में से एक में कांग्रेसविधायक मामन खान को भी आरोपी बनाया गया है। पुलिस के पास मामन खान के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। इनके आधार पर ही खानको आरोपी बनाया गया है।सरकार के वकील ने यह खुलासा तब किया जब पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में खान की याचिका पर सुनवाईचल रही थी। मामन खान ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपने खिलाफ किसी किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से राहत की मांग की थी।
SIT जांच में शामिल नहीं हुए मामन खान
मामन खान को पूछताछ के लिए पहली बार 31 अगस्त को बुलाया गया था लेकिन खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर वह पेश नहीं हुए थे।SIT ने उन्हें 10 सितंबर को पेश होने के लिए दूसरी बार नोटिस दिया था लेकिन वह अधिकारियों को कोई सूचना दिए बिना फिर से पेशनहीं हुए।
मोनू मानेसर की क्या भूमिका?
वैसे इससे पहले इसी मामले में मोनू मानेसर को भी गिरफ्तार किया गया। मोनू पर आरोप था कि उसने सोशल मीडिया पर वीएचपी कीयात्रा से पहले जो वीडियो पोस्ट किया, उसके जरिए दूसरे समुदाय के लोगों को भड़काया गया। जांच में ये भी सामने आया कि उसवीडियो की प्रतिक्रिया पर ही दूसरे समुदाय के लोगों ने हिंसा का रास्ता चुना और यात्रा के दौरान जमकर बवाल काटा गया। यहां येसमझना जरूरी है कि नूंह हिंसा में कुल 6 लोगों की मौत हो गई थी, इसमें पुलिसकर्मी भी शामिल रहे।