यूपी में अब उद्यमियों व व्यापारियों के खिलाफ बिना जांच के नहीं दर्ज होगी एफआईआर

व्यापारियों एवं उद्यमियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से पहले प्रारंभिक जांच
डीजीपी मुख्यालय ने इस संबंध में सभी जिलों और पुलिस कमिश्नरेट को दिशा–निर्देश जारी किया है। जारी दिशा–निर्देश में कहा गयाहै कि राज्य के विकास कार्यों को गति देने के लिए ‘इज आफ डूइंग बिजनेस’ के प्रति शासन–प्रशासन दृढ़ संकल्पित है। ऐसे मेंआवश्यक है कि किसी भी उद्यमी, व्यापारी, शैक्षिक संस्था, चिकित्सालय, भवन निर्माता तथा होटल–रेस्टोरेंट आदि से संबंधित मालिकतथा प्रबंधन स्तर के कर्मचारियों का किसी प्रकार से उत्पीड़न न होने पाए।
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से रिट याचिका में साफ निर्देश
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भी एक रिट याचिका में साफ निर्देश दिए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे प्रकरण जो सिविल प्रकृति केहैं या व्यवसायिक विवाद से संबंधित हैं या किसी प्रतिष्ठान–संस्थान में आकस्मिक दुर्घटना से संबंधित हैं, उनमें FIR दर्ज करने से पहलेप्राथमिक जांच कराए जाने की एक औपचारिक प्रक्रिया निर्धारित की है। शुक्रवार को डीजीपी मुख्यालय से एक बार फिर से निर्देशितकिया गया कि सभी महत्वपूर्ण संस्थानों में आकस्मिक दुर्घटनाओं में FIR दर्ज करने से पहले सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रार्थना पत्र मेंनामित अभियुक्त का घटना से सीधा संबंध है या नहीं।