भारत की युवाशक्ति के कारण पूरा विश्व भारत की ओर उम्मीद की नजर से देख रहा: राज्यपाल

राज्यपाल की अध्यक्षता में बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय झॉसी का 27वॉ दीक्षान्त समारोह सम्पन्न
लखनऊ। प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय झॉसी का 27वॉ दीक्षान्त समारोह सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर समारोह को सम्बोधित करते हुये राज्यपाल ने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी। उन्होने विद्यार्थियों को आगामी जीवन की चुनौतियां का सामना करने के लिये तैयार होने की प्रेरणा देते हुये कहा कि नवीन चुनौतियां सामने आती रहती है, इसलिये आने वाले कल की चुनौतियों का विश्लेषण करके भविष्य की योजनाएं बनायें।
अपने सम्बोधन में राज्यपाल जी ने विद्यार्थियों को स्वामी विवेकानंद का उदाहरण देते हुये आत्मनिर्भर भारत में सहयोग देने के लिये प्रेरित किया। इसी क्रम में उन्होने भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में आत्मनिर्भरता के अवसरों की चर्चा की। उन्होने बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति के तहत विविध पाठ्यक्रमों के संचालन, बुंदेली व्यंजनों और गौरव गाथाओं पर पुस्तकों का प्रकाशन, सामाजिक दायित्वों के निर्वहन में सहयोग, विविध अनुसंधान कार्यों को बढ़ावा देने की प्रशंसा की। उन्होने बताया कि भारत की युवाशक्ति के कारण पूरा विश्व भारत की ओर उम्मीद की नजर से देख रहा है।
तेजी से बदलती वैश्विक परिस्थितियों की चर्चा करते हुये राज्यपाल ने विद्यार्थियों को नवीनताओं से जुड़ने और फ्यूचर स्किल के लिये खुद को तैयार करने हेतु प्रेरित किया। इसी क्रम में उन्होने भारत को विश्व स्तर पर एक सशक्त देश के रूप में प्रतिष्ठित करने के लिये केन्द्र और प्रदेश सरकार द्वारा लागू विविध योजनाओं, विकास कार्यों और उनमें युवाओं के लिये उत्पन्न हो रहे अवसरों की चर्चा भी की।उन्होंने झांसी के डिफेंस कारिडोर में संभावित उद्योगों में बनने वाले उपकरणों को देखते हुए विद्यार्थियों को समुचित प्रशिक्षण दिए जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक के माध्यम से विद्यार्थियों के कौशल को बढ़ाने का निरंतर प्रयास किया जाना चाहिए।
विद्यार्थियों का ध्यान जलवायु परिवर्तन की ओर आकृष्ट करते हुये राज्यपाल जी ने पर्यावरण संरक्षण, वृक्षारोपण और जलसंरक्षण पर भी चर्चा की। गिरते भूजल पर चिन्ता व्यक्त करते हुये उन्होने कहा कि विश्वविद्यालय एक वर्ष में जितना जल उपयोग में लाते हैं उतने जल संरक्षण का प्रभावी प्रयास करें। उन्होने देश में मोटे अनाज के घटते उत्पादन पर भी चिन्ता प्रकट की और कहा कि स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभकारी होने के कारण आज दुनिया भर में इसकी मांग बढ़ी है। उन्होने विश्वविद्यालय स्तर पर इसके प्रयोग के लाभ और व्यंजनों का प्रचार-प्रसार कराने को कहा।
समारोह में उन्होंने भारत में जी-20 देशों की बैठकों की जानकारी देते हुए बताया कि ये बैठकें मानवता के कल्याण के लिए ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम‘‘ की थीम पर आधारित हैं। उत्तर प्रदेश के चार शहरों आगरा, वाराणसी, लखनऊ, ग्रेटर नोयडा में भी 01 दिसम्बर, 2022 से 30 नवम्बर, 2023 तक इसकी बैठकें आयोजित हो रही हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय को इस इवेंट में उत्साह के साथ प्रतिभागिता के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ऐसे मेधावी विद्यार्थियों का चयन करें, जो विदेशी भाषा के जानकार हों। ये छात्र जी-20 देशों के प्रतिनिधियों से संवाद करके जानकारियों के प्रचार-प्रसार, विश्वविद्यालय के नवाचारों, स्टार्टअप तथा अन्य गतिविधियों के डिजिटल प्रचार तथा प्रदर्शनी के अयोजन आदि से हिस्सेदारी कर सकते हैं।
कुलाधिपति एवं राज्यपाल जी ने समारोह में आये कक्षा 06 से 08 तक के विद्यार्थियों को पठन-पाठन सामग्री एवं फल वितरित किए। समारोह में राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालय की दीक्षान्त सोविनियर – चितेरी, बुंदेली वीथिका पत्रिका, एक नजर में योगा एवं मेडिटेशन-ब्रोशरश् का लोकार्पण भी किया।
दीक्षांत समारोह में विविध पाठ्यक्रमों के कुल 70577 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई। विशेष उपलब्धि प्राप्त करने वाले 01 विद्यार्थी को स्वर्ण पदक, 13 को रजत पदक तथा 19 को कांस्य पदक प्रदान किया गया। 33 विद्यार्थियो को कुलाधिपति पदक तथा 44 विद्यार्थियों को विविध अन्य उपलब्धियों के लिये पदक प्रदान किये गये। 95 विद्यार्थियों को विविध संकायों में शोध उपाधियां प्रदान की गयी।
समारोह में मुख्य अतिथि एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के उपाध्यक्ष प्रो0 दीपक कुमार श्रीवास्तव ने अपने अनुभवों को विद्यार्थियों से साझा करते हुए उनको भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। समारोह में विशिष्ट अतिथि प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री श्री योगेन्द्र उपाध्याय एवं राज्यमंत्री श्रीमती रजनी तिवारी ने विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर कुलपति प्रो0 मुकेश पाण्डेय ने विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की और विद्यार्थियों को भावी जीवन में उत्कृष्ट योगदान और समर्पण के साथ कार्य करके सफलता के लिए प्रेरित किया।