लखनऊ कोर्ट में मुख्तार अंसारी के करीबी की गोली मारकर हत्या, कृष्णानंद राय हत्याकांड में था आरोपी
लखनऊ कोर्ट कैंपस बुधवार को दिनदहाड़े गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा. गैंगस्टर संजीव जीवा पर लखनऊ कचहरी पर जानलेवा हमला किया गया और उसकी मौके पर मौत हो गई।
लखनऊ कोर्ट में चली ताबड़तोड़ गोलियां, गैंगस्टर संजीव जीवा की हत्या. उत्तर प्रदेश- लखनऊ कोर्ट में गोली चली- संजीव जीवा को गोली मारी गई,एक बच्ची को भी गोली लगी, लखनऊ के कैसरबाग में पास्को कोर्ट के गेट पर वकील की ड्रेस में आये बदमाश ने युवक को मारी गोली लखनऊ कोर्ट में गोली चली संजीव महेश्वरी जीवा को गोली मारी गई, एक बच्ची को भी गोली लगी। गोली मारकर हत्या वकील के ड्रेस में आए थे बदमाश कोर्ट के बाहर मारी गोली बदमाश संजीव जीवा की हत्या।
संजीव जीवा कृष्णानंद राय हत्याकांड में आरोपी था.वो मुन्ना बजरंगी और मुख्तार अंसारी का करीबी बताया जाता है. संजीव जीवा पर दिनदहाड़े कोर्ट कैंपस में गोली मारी गई औऱ मौके पर ही उसकी मौत हो गई. लखनऊ कोर्ट कैंपस को लेकर बदमाशों के इस हमले से फिर सनसनी फैल गई है. प्रयागराज हत्याकांड के करीब चार महीने बाद इस हत्याकांड से सनसनी मच गई है।
बताया जा रहा है कि वकीलों के भेष में पहुंचे अपराधियों ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया है. बताया जाता है कि एक अपराधी को पकड़कर पुलिस केसरबाग पुलिस थाने ले गई है. घायल बच्ची को अस्पताल ले जाया गया है, जहां उसकी हालत अभी गंभीरबताई जाती है।
संजीव जीवा मुजफ्फरनगर का रहने वाला था. वो मुख्तार अंसारी, मुन्ना बजरंगी औऱ भाटी गैंग के लिए काम करता था. उसके खिलाफ तीन दर्जन के करीब मामले दर्ज बताए जाते हैं।
संजीव जीवा की पत्नी पायल माहेश्वरी ने कुछ दिनों पहले ही अपने पति की जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई थी. उसकी सुरक्षा इसके बाद बढ़ाई भी गई थी, लेकिन कोर्ट कचहरी के भीतर हुए हमले ने दहशत फैला दी है।
लखनऊ कोर्ट कैंपस में हुए हमले में दो सिपाही भी घायल हुए हैं. इसमें एक का नाम लाल मोहम्मद बताया जाता है. बताया जाता है कि कृष्णानंद राय हत्याकांड में संजीव भाटी इस कदर शामिल था कि उसने तत्कालीन विधायक की गाड़ी पर चढ़कर एके-47 से ताबड़तोड़ 27 गोलियां बरसाई थीं. इसमें कृष्णानंद राय समेत कई लोग मारे गए थे. कृष्णानंद राय हत्याकांड में अभी मुख्तार अंसारी समेत कई लोगों को सजा हुई है.
वकीलों का कहना है कि काले कोट और सफेद पैंट में कई अपराधी अंदर आए थे. लेकिन सवाल है कि कड़ी सुरक्षा के बावजूद बदमाश कैसे हथियार लेकर अंदर आए. संजीव जीवा के हत्यारोपी कैसे बेखटके कड़ी सुरक्षा में बंद गैंगस्टर तक पहुंच गए. वकीलों का कहना है कि प्रयागराज में अतीक अहमद और अशरफ की इसी तरह मीडियाकर्मियों की वेशभूषा में आए बदमाशों ने हत्या कर दी थी, लेकिन इससे कोई सबक नहीं सीखा गया. वकीलों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ लखनऊ कोर्ट में नारेबाजी भी की है।