मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा, भाई अफजाल भी दोषी करार
मुख्तार अंसारी गैंगस्टर केस में गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया है. कोर्ट ने उन्हें 10 साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने उन पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. गैंगस्टर के ये मामले करंडा थाना और मोहम्दाबाद थानों से बनाए गए आपराधिक मुकदमों से बनाए गए गैंगचार्ट पर आधारित है।
मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर केस में गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया है. कोर्ट ने उन्हें 10 साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने उन पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. वहीं मुख्तार के भाई और बसपा सांसद अफजाल अंसारी को भी दोषी करार दिया गया है. अफजाल को चार साल की सजा मिली है. गैंगस्टर के ये मामले करंडा थाना और मोहम्दाबाद थानों से बनाए गए आपराधिक मुकदमों से बनाए गए गैंगचार्ट पर आधारित है. मुख्तार अंसारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट की सुनवाई में जुड़ा जबकि अफजाल कोर्ट में पेश हुए।
यूपी के बहुचर्चित कृष्णानंद राय हत्याकांड और व्यापारी नंदकिशोर रूंगटा अपहरण के बाद मुख्तार और अफजाल पर गैंगस्टर एक्ट में केस दर्ज किया गया था. इस मामले में 2007 में गैंगेस्टर एक्ट के तहत अफजाल अंसारी, उनके भाई माफिया डॉन मुख्तार अंसारी और बहनोई एजाजुल हक पर गैंगेस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था. एजाजुल हक का देहांत हो चुका है. इस मामले में 1 अप्रैल को सुनवाई पूरी हो गई थी. पहले इस मामले में पहले 15 अप्रैल को फैसला आना था लेकिन बाद में तारीख को बढ़ाकर 29 अप्रैल कर दिया गया था. इस मामले में साल 2012 में गाजीपुर की MP-MLA कोर्ट में ट्रायल शुरू हुआ था.
कोर्ट ने उसका मान बढ़ाया
कृष्णानंद राय के बेटे पियूष ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि हमारे पिता की 18 साल पहले हत्या हुई थी लेकिन मुख्तार के खिलाफ हमारा संघर्ष 28 सालों का है. उन्होंने कहा कि आज का फैसला मेरी मां के लिए बहुत बड़ा फैसला है. मेरी मां ने उनके खिलाफ लड़ाई लड़ते-लड़ते अपने जीवन के 30 साल गंवा दिए. उन्होंने कहा कि जब हमारे पिता की हत्या हुई तब उनकी शिखा भी काटी गई थी. वह एक समाज की शिखा काटी गई थी. आज उस शिखा का मान न्यायपालिका ने बढ़ाया है. उन्होंने सीएम योगी के लिए कहा कि उन्होंने ऐसे माफिया के खिलाफ जो इच्छाशक्ति दिखाई है, वह अगर पहले किसी ने दिखाई होती तो आज ऐसे दिन नहीं देखने पड़ते. इसके अलावा उन्होंने मूल केस (कृष्णानंद राय हत्याकांड) पर बताया कि इस केस में हाई कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है।
चली थीं 500 राउंड गोलियां
गाजीपुर में 29 नवंबर 2005 को मोहम्मदाबाद से तत्कालीन बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय सहित कुल 7 लोगों को गोलियों से छलनी कर दिया गया था. चुनावी रंजिश के कारण इस हत्या को अंजाम दिया गया था. इस हत्याकांड में मुख्तार अंसारी और अफजाल को आरोपी बनाया गया था. दरअसल अंसरी ब्रदर्स के प्रभाव वाली मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट पर 2002 में अफजाल अंसारी को हराकर कृष्णानंद राय ने जीत हासिल की थी।