अपराध
हथियारों की डील, आईएसआई कनेक्शन, अतीक का पूरा माफिया नेटवर्क मैनेज करता है गुड्डू मुस्लिम, एसटीएफ जुटी है तलाश में
प्रयागराज। माफिया से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई पूर्व विधायक अशरफ अहमद की हत्या के बाद अब उसके नेटवर्क को लेकर बड़ा खुलासा हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक गुड्डू मुस्लिम ही अतीक का सारा नेटवर्क संभालता था। यह जानकारी एसटीएफ को रिमांड के दौरान मिली थी। यूपी एसटीएफ ने गुड्डू मुस्लिम की तलाश तेज कर दी है।
एसटीएफ के मुताबिक आईएसआई से मंगवाए गए हथियार पंजाब के रास्ते लाने में गुड्डू मुस्लिम ही मैनेज करता था। गुड्डू मुस्लिम अपने पांच संदिग्धों के साथ झांसी में सतीश पांडेय उर्फ बबलू पांडेय के घर पांच दिन रुका था। इसके बाद गुड्डू मुस्लिम दोबारा भी झांसी जल्दी पहुंचा था। केयरटेकर विनय सिंह ने भी बताया कि पांच दिनों में नाम तक नहीं जान सका था, यहां तक उसके सामने बातचीत तक नहीं करते थे।
गुड्डू मुस्लिम झांसी में सुबह से लेकर शाम तक रेकी करता रहता था। जबकि झांसी में बबीना रेंज सैन्य ठिकाना सहित काई महत्वपूर्ण जगह है। अतीक को डर था कि कहीं गुड्डू मुस्लिम पकड़ा न जाए। पुलिस रिमांड में अतीक ने कई बार गुड्डू मुस्लिम का नाम लिया और उसके पकड़े जाने का डर था। डर था कि कहीं पुलिस उसका एनकाउंटर ना कर दें और कई राज ऐसे हैं, जो वह उगल ना दे।
अतीक और अशरफ सिर्फ असद और गुलाम का बचाव कर रहे थे। ऐसे में गुड्डू मुस्लिम ने अपना मोबाइल फोन बंद कर लिया था। गुड्डू, साबिर और अरमान को एनकाउंटर का डर सता रहा था। हत्या के पहले भी अशरफ गुड्डू मुस्लिम को लेकर कुछ बताने जा रहा था, लेकिन उससे पहले हत्या हो गई। माना जा रहा है कि गुड्डू मुस्लिम के पास बड़े राज है। एसटीएफ गुड्डू मुस्लिम की तलाश कर रही है।
इस बीच अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन की तलाश तेज हो गई है। अतीक और अशरफ मारे गए, एसटीएफ ने एनकाउंटर में असद और शूटर गुलाम को मार गिराया, लेकिन उमेश पाल हत्याकांड में फरारी काट रही शाइस्ता परवीन अभी तक सामने नहीं आई।अतीक और अशरफ की हत्या के बाद अब शाइस्ता ही है, जो पिछले 50-55 दिन के अंदर हुई सात हत्याओं की पूरी कहानी की सबसे बड़ी राज़दार हो सकती है।
मौत से चंद पल पहले अतीक और अशरफ की गुड्डू मुस्लिम वाली जो बात अधूरी रह गई। उस गुड्डू मुस्लिम वाली बात की सबसे बड़ी राज़दार अब शाइस्ता परवीन ही बची है, लेकिन शाइस्ता तो अदालत के सामने सरेंडर कर रही है और न ही पुलिस उस तक पहुंच पा रही है। अतीक और अशरफ 3 दिनों तक पुलिस की रिमांड में थे।
इस दौरान पुलिस और एसटीएफ की पूछताछ में अतीक और अशरफ ने कई बड़े खुलासा किया था।उन खुलासों और निशानदेही के आधार पर प्रयागराज के ठिकाने से हथियार बरामद भी हुए थे, लेकिन सूत्रों के मुताबिक अतीक ने पुलिस को 14 ऐसे लोगों के नाम बताए थे जो उसे फंडिंग किया करते थे। अतीक के कहने पर ही ये लोग शाइस्ता तक पैसे पहुंचाते थे।इनमें 11 नाम ऐसे हैं जो प्रयागराज के कालिंदीपुरम, चकिया, मरियाडीह, बम्हरौली, असरौली, कौशाम्बी के महगांव और बेली के रहने वाले हैं। अतीक इन्हें आसपास के किसानों की जमीन औने पौने दाम पर लेकर प्रॉपर्टी डीलर्स को कारोबार करने में मदद करता था। इसके बदले अतीक अहमद को भारी भरकम रकम पहुंचाई जाती थी।
अतीक के उन 14 मददगारों की सबसे बड़ी राज़दार शाइस्ता परवीन ही है। शाइस्ता परवीन का पकड़ा जाना इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि अतीक अहमद ने पुलिस की पूछताछ में ऐसी दो सौ से अधिक फर्जी कंपनियों के बारे में बताया है, जिससे उसकी काली कमाई का कनेक्शन है। सूत्रों के मुताबिक अतीक ने 50 से ज्यादा ऐसे सफेदपोश नामों का भी खुलासा किया है, जिनके काले पैसे अतीक के धंधे में लगाए गए हैं।