कानून के दायरे म रहिके विरोध करव
नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान
चतुरी चाचा ने प्रपंच की शुरुआत करते हुए कहा- देस म ‘कौव्वा कान लइगा’ वाली स्थिति बनिन रहत हय। बिन मसला समझे-बुझे, झूठ-साँच जाने बिना हिंसक प्रदर्शन होय लागत हय। हर बात म हिंसक प्रदर्शन, पथराव, आगजनी, रेल रोको शुरू होई जात हय। पहले एनआरसी अउ कृषि कानूनन क नाम प बवाल भवा। अब नूपुर केरे बयान अउ अग्निवीर प होय रहा। अरे! लोकतंत्र म विरोध करयक, अपन बात रखयक सबका अधिकार हय। कानून क दायरे म रहिके सब जने विरोध करव, अपन बात रक्खव। बात-बात म हिंसक प्रदर्शन, मारकाट अउ आगजनी करब नीक नाय हय। सबकी खातिर संविधान हय। सरकार हय। मीडिया हय। न्यायापालिका हय। इन पय विश्वास करव। सबकी बात सुनी जाइ। सबका न्याय मिलि। देस केरी सम्पत्ति फूँके ते, अपन जीव देहे ते अउ दूसरे क जीव लेहे ते, कुछु न होई। सभे इ बात का ध्यान म राखव।
चतुरी चाचा अपने चबूतरे पर चिंतन मुद्रा में बैठे थे। कासिम चचा, मुंशीजी, ककुवा व बड़के दद्दा गर्मी और मानसून को लेकर खुसुर-पुसुर कर रहे थे। पुरई सबके बारी-बारी से बेना हांक रहे थे। आज सुबह बदली होने के कारण बड़ी उमस थी। चटक धूप में हवा थम सी गयी थी। गांव के बच्चे सियर-सटकना व सकरी-सतला खेलने में मस्त थे। चतुरी चाचा नूपुर शर्मा के एक बयान और केन्द्र सरकार द्वारा सेना में अग्निवीरों की भर्ती करने की घोषणा पर हो रहे हिंसक प्रदर्शन से आहत थे। उन्होंने मेरे चबूतरे पर पहुँचते ही प्रपंच शुरू कर दिया। चाचा का कहना था कि देश में जरा-जरा सी बात पर कुछ लोग हिंसक बन जाते हैं। सरकार की किसी योजना या किसी कानून का हिंसक विरोध करना ठीक नहीं है। देश में कोई शख्स अंटशंट बयान दे देता है। उस पर पूरे देश में आग लग जाती है। विरोध के नाम पर कुछ लोग कानून अपने हाथ में ले लेते हैं। जगह-जगह पथराव, आगजनी और मारकाट शुरू हो जाती है। यह स्थिति देश और समाज के लिए अच्छी नहीं है। अरे! देश में सरकार, संविधान, न्यायालय, मीडिया है। लोकतंत्र में हर चीज का विरोध शांतिपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए।
ककुवा ने चतुरी चाचा की बात पर मोहर लगाते हुए कहा- सही कहेव चतुरी भाई। देस म एकु तबका मोदी अउ योगी क फूटी आँखिन नाय द्याखा चाहत। विपक्षी पार्टिन केरे राजनीतिज्ञ मोदी-योगी क विरोध दुसरेन ते करावय रहे। कबहुँ किसानन का, कबहुँ मुसलमानन का अउ कबहुँ नौजवानन का बरगलावा जात हय। या स्थिति राष्ट्र अउ समाज ख़ातिन घातक हय। कयू दायँ तौ फर्जी मुद्दन पय बवाल भवा। विपक्षी पार्टियन का बस राजनीतिक रोटी सेंकय क रहत हय। भाजपा क बयान बहादुर आगि म घी डारत हयँ। सेना की अग्निपथ योजना हमका बड़ी नीक लागि रही। नौजवानन का देस केरी सेवा क्यारु मौका मिली। सत्तरा ते इक्कीस साल केरे लरिका-बिटिया सेना म नियमित दिनचर्या अउ अनुशासन सिखिहैं। चार साल म लाखन रुपया कमाय ल्याहैँ। सरकारी अउ निजी क्षेत्र म नौकरी मिलयक संभावना जादा रही। अग्निवीर सेना केरी सेवा क बादि अपन रोजगारव कय सकत हयँ। काहे ते वेतन, भत्ता केरे अलावा सेवानिवृत्त होय प लाखन रुपया मिलिहैं। यतनी नीक योजना क्यार विरोध कीन जाय रहा। कतनी गलत बात हय।
इसी दरम्यान चंदू बिटिया प्रपंचियों के लिए जलपान लेकर हाजिर हो गई। आज जलपान में गुड़ के गुलगुले और तुलसी-अदरक वाली कड़क चाय थी। हम सबने स्वादिष्ट गुलगुले खाये। नल का ताजा पानी पीया। फिर चाय के कुल्हड़ उठा लिये। प्रपंच आगे बढ़ता, तभी बड़को व नदियारा भौजी भी पच्छेहार से आ गईं। बड़को के सिर पर भिंडी का झव्वा था। जबकि नदियारा भौजी की खैंची में लौकी थीं। बड़को व नदियारा भौजी ने अपने सिर का बोझ चबूतरे पर रख दिया। फिर सबके हालचाल लिये। बड़को ने चलते समय हम सबको अपने खेत की आधा-आधा किग्रा ताजी भिंडी व दो-दो लौकी भेंट की। इसके बाद बतकही फिर से शुरू हो गई।
बड़के दद्दा ने कहा- अग्नि पथ योजना के तहत सेना के तीनों अंगों में अग्निवीरों की भर्ती होगी। युवाओं को सेना सैन्य प्रशिक्षण देगी। सभी चयनित युवा चार साल सेना की सेवा यानी राष्ट्र की सेवा करेंगे। पहले साल 23 हजार महीना और अंतिम वर्ष 28 हजार महीना वेतन मिलेगा। सेवा अवधि पूरी होने के बाद 25 प्रतिशत युवाओं को सेना खुद नियमित कर देगी। शेष 75 प्रतिशत युवाओं को अग्निवीर कौशल प्रमाण पत्र देगी। साथ ही, हर अग्निवीर को करीब 12 लाख रुपये का अतिरिक्त भुगतान होगा। इस रकम से सेना की सेवा के बाद युवा अपना रोजगार शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा अग्निवीरों को सरकारी और प्राइवेट नौकरियों में प्राथमिकता मिलेगी। केन्द्र सरकार ने कहा है कि सेना से सेवानिवृत्त अग्निवीरों को केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों में भर्ती किया जाएगा। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा है कि अग्निवीरों को पुलिस और पीएसी में प्राथमिकता के आधार पर लिया जाएगा। कहने का मतलब यह है कि सेना में अग्निवीरों की भर्ती योजना से युवाओं के लिए रोजगार के अनेक विकल्प उपलब्ध होंगे। इसके अतिरिक्त लाखों युवाओं को राष्ट्र सेवा का अवसर मिलेगा। सेना की ट्रेनिंग से युवाओं के जीवन में अनुशासन आएगा। उनमें राष्ट्रभक्ति प्रबल हो जाएगी।
कासिम चचा ने कहा- केन्द्र सरकार हर बार जल्दबाजी में रहती है। मोदी सरकार कभी रातोंरात नया कानून लेकर आ जाती है। कभी यकायक कोई योजना लेकर आ जाती है। कभी अचानक कोई पुरानी चीज बन्द कर दी जाती है। कभी एकदम से कोई नई चीज लांच कर दी जाती है। सरकार यह भूल जाती है कि भारत में राजतंत्र नहीं, बल्कि लोकतंत्र है। केन्द्र सरकार अग्निपथ योजना की तरह ही तीन नए कृषि कानून लेकर आई थी। उसका पूरे देश में महीनों घोर विरोध हुआ। अंततः मोदी सरकार घुटनों पर आ गई थी। तीनों कृषि कानून वापस हुए। मोदी सरकार अब सेना में भर्ती की नई योजना लेकर आ गयी है। इससे बेरोजगारी झेल रहे युवाओं में आक्रोश व्याप्त हो गया है। देश के युवाओं का गुस्सा सड़क पर फूट पड़ा है। कई राज्यों में बेरोजगार युवा धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। तमाम रेलगाड़ियों, बसों व अन्य वाहनों को आग के हवाले किया जा चुका है। कई शहरों में सड़क और रेल मार्ग अवरुद्ध हैं। इसमें कुछ लोगों की मौत भी हो चुकी है।
मुंशीजी ने कहा- केन्द्र सरकार को सेना में अग्निपथ योजना लागू करने के पहले इस पर खुली चर्चा करनी थी। देश के युवाओं का मत लेना था। तब सेना में अग्निवीरों की भर्ती योजना को लॉन्च करना था। क्योंकि, करोड़ों बेरोजगार युवाओं के लिए सेना की नियमित भर्ती एक बेहतरीन विकल्प होता है। लेकिन, अब सरकार सेना में भी पूर्णकालिक भर्ती पर विराम लगाने की तरफ बढ़ रही है। ठीक उसी तरह जैसे स्वास्थ्य, ऊर्जा, कृषि, जलशक्ति, नगर निकाय, ग्राम विकास सहित तमाम सरकारी विभागों में संविदा के आधार पर अंशकालिक भर्ती हो रही है। मोदी सरकार को अपने नारे “सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास-सबका प्रयास” को फलीभूत करना चाहिए। अग्निवीरों की भर्ती योजना को लेकर पूरे देश में हिंसक आंदोलन शुरू हो गया है। अरबों रुपये की सरकारी संपत्ति स्वाहा हो चुकी है। सरकार अगर देशवासियों को विश्वास में लेकर यह योजना लांच करती तो आज युवा आंदोलन न कर रहा होता। यदि यह आंदोलन परवान चढ़ा तो कृषि कानूनों की तरह अग्निपथ योजना को भी ठंडे बस्ते में डालना पड़ेगा। तब मोदी सरकार की एक बार फिर किरकिरी होगी।
मैंने प्रपंचियों को कोरोना अपडेट देते हुए बताया कि विश्व में अबतक 54 करोड़ 37 लाख लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 63 लाख 39 हजार से ज्यादा लोग काल कलवित हो गए। इसी तरह भारत में अब तक करीब चार करोड़ 33 लाख लोग कोरोना पीड़ित हो चुके हैं। देश में अब तक पांच लाख 24 हजार से अधिक लोग कोरोना की भेंट चढ़ चुके हैं। देश में अब तक कोरोना वैक्सीन की 196 करोड़ डोज लगाई जा चुकी हैं। देश के 90.3 करोड़ भारतीयों को कोरोना के दोनों टीके लगाए जा चुके हैं। देश में कोरोना की बूस्टर डोज निरन्तर दी जा रही है। वहीं, बच्चों को भी कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है। भारत में बड़े पैमाने पर मुफ्त टीकाकरण होने से कोरोना महामारी नियंत्रण में है।
अंत में चतुरी चाचा ने भारत में नए राष्ट्रपति के चुनाव पर गुफ्तगू की। चाचा ने यूपी बोर्ड से हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले बच्चों को बधाई दी। इसी के साथ आज का प्रपंच समाप्त हो गया। मैं अगले रविवार को चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे पर होने वाली बेबाक बतकही के साथ फिर हाजिर रहूँगा। तबतक के लिए पँचव राम-राम!