अपराध

कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति का एक्शन, बाराबंकी के जेल अधीक्षक समेत 4 पुलिसकर्मी सस्पेंड

बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिला कारागार के जेल अधीक्षक, डिप्टी जेलर सहित दो जेल वार्डर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए सभी को सस्पेंड कर दिया गया है. जिला जेल का मंगलवार को योगी सरकार के जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने औचक निरीक्षण किया था. इस दौरान जेल में कई खामियां मिली थीं. उन्होंने कैदियों को दिया जाने वाला भोजन खुद भी खाया और अधिकारियों को भी खिलाया था. वहीं खाने की गुणवत्ता गड़बड़ मिलने के बाद जेल के अफसरों पर मंत्री ने कार्रवाई की है. इनके निलंबन की पुष्टि डीजी जेल आनंद कुमार द्वारा की गई है।

दरअसल, बाराबंकी जिले की रामनगर विधानसभा सीट से विधायक शरद कुमार अवस्थी ने शासन से शिकायत की थी कि जिला कारागार बाराबंकी के अंदर कैदियों से हाता के नाम पर 25 हजार रुपये महीना घूस के नाम पर लिए जाते हैं. इसके अलावा जेल अधीक्षक का सीयूजी नंबर कभी उठता नहीं. उन्होंने आरोप लगाया था कि जेल अधीक्षक हरिबख्श सिंह सपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं. इन्हीं शिकायतों पर जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने जिला कारागार बाराबंकी का औचक निरीक्षण किया था. करीब डेढ़ घंटे तक चले निरीक्षण में मंत्री ने तमाम शिकायतों की जांच की और बंदियों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता भी जांची, जो बेहद खराब मिली थी।

भोजन में मिले थे कंकड़

जेल अधीक्षक हरिबख्श सिंह सहित चार को निलंबित कर दिया गया है. निलंबित किए जाने वालों में डिप्टी जेलर आशुतोष मिश्रा, हेड जेल वार्डर राजेश भारती, जेल वार्डर सुरेश कुमार भी शामिल हैं. जानकारी के मुताबिक निरीक्षण के दौरान जेल में मंत्री ने दाल चखी तो पतली होने के साथ ही उसमें कंकड़ भी निकले. भोजनालय और भंडार गृह में अव्यवस्था व गंदगी भी मंत्री ने देखी. ऐसी चीजें भी बंदियों को बाजार से खरीदकर खिलाने की बात कागजों में पाई गईं, जिनका स्वाद तक बंदियों को नहीं मिला. साथ ही कोरोना काल में बंदियों को विटामिन सी की कमी न होने पाए इसके लिए नींबू और संतरा जैसे फल भी देने की सलाह चिकित्सकों ने दी थी. इसका फायदा उठाकर जेल के अधिकारियों ने इनकी खरीद तब ज्यादा दिखाई जब कीमतें ज्यादा थीं।

लगातार मिल रही थी शिकायत

कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने बताया कि उन्हें लगातार बाराबंकी जिला कारागार को लेकर शिकायतें मिल रही थीं. इसी कड़ी में उन्होंने जिला कारागार का औचक निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान उन्हें बंदियों ने बताया था कि महिला बंदियों और उनके बच्चों को दिए जाने वाले पौष्टिक आहार उन्हें न देकर जेलकर्मी खुद ही अपने घर उठा ले जाते हैं. वहीं जेल की कैंटीन में भी बंदियों को निर्धारित मूल्य से डेढ़ दो गुना दाम पर सामान मिलता है।

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