पति की हत्या के बाद अब महिला अधिवक्ता को मिल रही जान से मारने की धमक
महिला अधिवक्ता ने लगाई सुरक्षा की गुहार
लखनऊ। हमारी न्यायिक संस्थाएं पुरानी घड़ियों की तरह हैं जिन्हें तेल पिलाने, चाबी भरने और सही समय पर लाने की जरूरत है। प्रत्येक देश की अर्थव्यवस्था वहां की न्याय प्रणाली से जुड़ी होती है। अगर आपको जल्द व निष्पक्ष न्याय मिल जाता है तो देश उन्नति के पथ पर अग्रसर रहता है, अन्यथा समय पर इंसाफ नहीं मिलना न मिलने के समान ही होता है।
विदेशों में खुशहाली का कारण समय व नियमानुसार केसों का निपटारा माना जाता है, जिसके लिए अब भारत को भी उचित कदम उठाने चाहिए। हमारे देश में हजारों केस सुनवाई के इंतजार में न्यायालयों में लंबित पड़े हैं तथा लाखों लोग न्याय हेतु अदालतों की तरफ ताक रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला राजधानी लखनऊ का है बीते वर्ष 2019 में उच्च न्यायालय की अधिवक्ता कविता मिश्रा के पति की अपराधियों ने पुलिस के सामने ही गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिसकी पैरवी खुद अधिवक्ता कविता मिश्रा ही कर रही हैं, वही कविता मिश्रा को बार-बार अपराधियों के साथियों द्वारा जान से मारने की धमकियां मिल रही जिसको लेकर कविता मिश्रा ने मुख्यमंत्री पोर्टल से लगाकर न्यायालय तक शिकायत भी दर्ज कराई है, लेकिन अभी तक कविता मिश्रा को कोई सुरक्षा व्यवस्था मुहैया नहीं कराई गई।
पति की हत्या के बाद कविता मिश्रा को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आजीवन सुरक्षा व्यवस्था व सरकारी नौकरी का आश्वासन दिया गया था, लेकिन वह सारे वादे हवा हवाई निकले अभी तक सरकार द्वारा किया हुआ कोई भी वादा पूरा नहीं किया गया। एडवोकेट कविता मिश्रा ने अपने परिवार के साथ किसी भी अप्रिय घटना होने की आशंका के चलाते न्यायालय से सुरक्षा व्यवस्था की गुहार लगाई है।