कुसंग से बचने के लिए सत्संग करना चाहिए: आचार्य शांतनु जी महाराज
अमेठी। आरबीएस इण्टर कालेज तिलोई के प्रांगण में आयोजित श्रीराम कथा के छठवें दिन कथा व्यास आचार्य शान्तनु जी महाराज ने कहा कि कुसंग से बचने के लिये सत्संग करना चाहिये। सत्संग से ही व्यक्ति ज्ञान अर्जित कर अपनी बुद्धि से सफलता की ओर अग्रसित होते हैं।
श्रीराम कथा श्रवण करने पहुंचे प्रदेश सरकार के तीन मंत्रियों सहित अन्य सम्भ्रांत नागरिकों ने आरती पूजन कर कथा वाचक से आशीर्वाद प्राप्त किया। आचार्य शान्तनु जी महाराज ने अपने आशीर्वचन में प्रत्येक भक्तों के उददेश्य से कहा कि गुरु की सेवा के साथ साथ सत्संग करना चाहिये, इससे मन मे न तो मैल जमती है, न शंका उत्पन्न होती है और न ही ईर्ष्या द्वेष की भावना जागृत होती है।
उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपने पद, पैसे आदि का घमण्ड कदापि नही करना चाहिये इससे व्यक्ति अकेला हो जाता है और वही घमण्ड अहम उन्हें नीचे ला देती है। कथा व्यास ने कहा कि व्यक्ति को हमेशा सत्संग करना चाहिये और अपने गुरु की बातों को मानकर चलना चाहिये क्योंकि गुरु ही व्यक्ति को सही रास्ता दिखाते हैं और व्यक्ति बिना किसी शंका से प्रसन्नचित रहता हैं।
आचार्य शान्तनु जी महाराज ने कहा कि आज बेटे का रिश्ता करते समय लोग सौदेबाजी करते हैं। दहेज के लिये बेटी के बाप को परेशान न करें क्योंकि आज भी दहेज के लिये हत्याएं हो रही है। दहेज के पैसे से बड़े आदमी नही बन सकते बल्कि पुरुषार्थी बनिये पैसा पुरुषार्थ से आता है भीख मांगने से नही।श्रीराम कथा के छठवें दिन प्रदेश सरकार के लोक निर्माण विभाग के राज्यमंत्री कुंवर ब्रजेश सिंह व स्वतंत्र प्रभार मंत्री दिनेश प्रताप सिंह कथा श्रवण करने पहुंचे। कार्यक्रम के आयोजक राज्यमंत्री राजा मयंकेश्वर शरण सिंह ने दोनों मंत्रियों को पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया।