UP को 1 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने के लिए CM योगी तैयार, शपथ ग्रहण समारोह में 50 कारोबारी घरानों को निमंत्रण से साफ किया इरादा
CM Yogi Take on UP Economy: सीएम योगी का सपना यूपी की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर वाली इकॉनमी बनाने का है और इसे पूरा करने के लिए शपथ ग्रहण समारोह में 50 कारोबारी घरानों को भी निमंत्रण भेजा है.
CM Yogi on UP Economy: पिछली सरकार में ही सीएम योगी ने वादा किया था कि वो यूपी की इकॉनमी को वन ट्रिलियन डॉलर बनाने पर काम कर रहे हैं, देश के सबसे बड़े राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए ये बहुत बड़ी चुनौती है, और इस चुनौती को योगी आदित्यनाथ ने अपना सबसे बड़ा प्रोजेक्ट बना लिया है, इसे पूरा करने के लिए अपने शपथग्रहण में उन्होंने देश के करीब-करीब सभी बड़े कारोबारी घरानों को शामिल होने का इनविटेशन भेजा है. 25 मार्च को योगी आदित्यनाथ जब दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे होंगे, तब वहां पर देश के बड़े से बड़े कारोबारी घराने की उपस्थिति रहने वाली है, जिनकी मदद से योगी अपने एक बड़े सपने को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं. सीएम योगी का ये सपना है यूपी की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर वाली इकॉनमी बनाने का, वो कई मौकों पर ना सिर्फ इसके बारे में बता चुके हैं बल्कि इस लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में कदम भी बढ़ा चुके हैं
चुनाव जीतने के 5 दिन बाद ही सीएम योगी ने उठाया बड़ा कदम
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने पहले ही कहा था कि उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने की दिशा में प्रायरिटी सेक्टर का चयन और उस दिशा में विस्तृत कार्य योजना बनाने में और उस कार्य योजना को आगे बढ़ाने के लिए भी अलग-अलग ग्रुप्स में उस दिशा में एक बेहतर पहल को एक टीम वर्क के रूप में आगे बढ़ाने का कार्य किया गया है. यूपी में चुनाव जीतने के पांच दिन बाद ही योगी सरकार ने इसके लिए एक बड़ा गंभीर कदम उठा दिया, 15 मार्च को सरकार ने वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी हासिल करने के लिए एक RFP यानी रिक्वेस्ट ऑफ प्रोपजल जारी किया, यानी एक तरह से देशभर के कारोबारियों को यूपी में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया गया है.
शपथ ग्रहण में देश के करीब 50 कारोबारी घरानों को निमंत्रण
यूपी सरकार की तरफ से जो रिक्वेस्ट ऑफ प्रोपोजल जारी किया है 1 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने के लिए, उसमें ये सारे कारोबारी घराने बेहद अहम भूमिका निभाएंगे, सबसे बड़ी बात ये है कि इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए पांच साल का वक्त दिया गया है. इसीलिए 25 मार्च को योगी के शपथग्रहण में देश के करीब 50 कारोबारी घरानों को आने के लिए निमंत्रण भेजा गया है. इनमें टाटा ग्रुप, अंबानी ग्रुप, आदित्य बिरला ग्रुप, अडानी ग्रुप, महिंद्रा ग्रुप, आईटीसी ग्रुप, पेप्सीको , हिंदुस्तान यूनीलीवर ग्रुप, फिल्पकार्ट और आईजीएल ग्रुप भी शामिल हैं लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या पांच साल का वक्त काफी है इस टारगेट को हासिल करने के लिए, ये सवाल इसलिए है क्योंकि कोरोना की वजह से अर्थव्यस्था को काफी नुकसान पहुंचा है, उसकी रफ्तार काफी धीमी हो गयी है, अब धीरे-धीरे वो पुरानी स्पीड पर आ रही है, लेकिन तब भी चुनौती आसान नहीं है.
क्या है यूपी की अर्थव्यवस्था का लेखा-जोखा
अगर अभी यूपी की अर्थव्यवस्था देखें ये करीब 19 लाख करोड़ की है. पांच साल बाद साल 2027 तक इसे 1 ट्रिलियन यानी करीब 76 लाख करोड़ करने का लक्ष्य रखा गया है. इसका मतलब ये हुआ कि अगले पांच साल में यूपी की अर्थव्यवस्था को 4 गुना बढ़ाने का टारगेट है पर ये टारगेट बेहद मुश्किल रहने वाला है क्योंकि 2014 में यूपी की अर्थव्यवस्था थी 9.4 लाख करोड़ की थी जो अभी यानी 2022 में ये बढ़कर 19.1 लाख करोड़ की हो गयी है. यानी हकीकत ये है कि पिछले 8 साल में यूपी की अर्थव्यवस्था सिर्फ दो गुनी ही बढ़ पायी है. यानी साफ है कि सिर्फ पांच साल में 1 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी को हासिल करना बेहद मुश्किल होने वाला है, क्योंकि आंकड़े बता रहे हैं कि 8 साल में इकॉनमी सिर्फ 2 गुना बढ़ी है, तो फिर अगले पांच साल में चार गुना बढ़ाने का टारगेट असंभव ही नज़र आता है.
यूपी के लिए चुनौती है बड़ी
चुनौती इसलिए भी बड़ी है क्योंकि पिछले दो साल तो कोरोना की वजह से नुकसान में ही निकल गए हैं, हालांकि पिछले पांच साल की बात करें सीएम योगी की तरफ से राज्य में इंफ्रा, रोजगार बढ़ाने और विदेशी निवेश के लिए काफी कोशिशें भी की गयी हैं, और उनकी इन कोशिशों का असर भी दिखा है, यूपी में विदेशी निवेश बढ़ा है.
यूपी में निवेश का हाल
साल 2017-18 में विदेशी निवेश करीब 578 करोड़ रुपये था जो साल 2018-19 में घटकर सिर्फ 234 करोड़ पर आ गया है. हालंकि साल 2019-21 में इसमें जबरदस्त इज़ाफा हुआ और विदेशी निवेश 5758 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है. योगी सरकार की कोशिश विदेश निवेश और ज्यादा बढ़ाने के साथ-साथ देशी निवेशकों को भी अपनी ओर खींचना है, और इसीलिए सीएम योगी के शपथग्रहण समारोह में देश के नामी गिरामी कारोबारी ग्रुप्स को बुलाया जा रहा है, जिससे ये संदेश जाए कि यूपी की इकॉनमी को वन ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के लिए यूपी सरकार बेहद गंभीर है, और ये सिर्फ यूपी के लिए ही नहीं देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी बेहद ज़रूरी है, क्योंकि पीएम मोदी का टारगेट 5 ट्रिलियन डॉलर वाली इकॉनमी का है.
पीएम मोदी का देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले के बयान में कहा था कि अगर देश की इकॉनमी को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाना है, तो फिर देश का सबसे बड़ा राज्य होने की वजह से यूपी की ज़िम्मेदारी ज्यादा बनती है, और इसीलिए योगी आदित्यनाथ इसके लिए पुरज़ोर कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि इससे ना सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था में फायदा होगा, बल्कि इससे यूपी की जनता को भी फायदा मिलेगा. वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी होने का असर ये होगा कि राज्य में गरीबी घटेगी, नौकरियां बढ़ेंगी और पर कैपिटा इनकम यानी लोगों की आमदनी बढ़ेगी और राज्य का इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर होगा. अगर योगी सरकार अगले पांच साल में ये लक्ष्य हासिल कर लेती है, तो ये बहुत बड़ी उपलब्धि कही जाएगी, और इस मॉडल का इस्तेमाल दूसरे राज्य भी अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए कर सकते है